उपकार नहीं, जागृत समाज का फर्ज है कि समाज स्वस्थ हो: आनंदीबेन पटेल
राज्यपाल ने टी0बी0 रोग से ग्रसित बच्ची को गोद लिया, राजभवन के अधिकारियों ने भी 21 बच्चों को गोद लिया
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज राजभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में टी0बी0 रोग से ग्रसित एक बच्ची मोहसिना (काल्पनिक नाम) को गोद लिया तथा इसी के साथ टी0बी0 रोग से ग्रसित 21 अन्य बच्चों को राजभवन के सभी अधिकारियों ने सहयोग की दृष्टि से गोद लिया। गोद लेने वाले अधिकारियों का यह दायित्व होगा कि वे बच्चों को सरकारी दवा सुचारू रूप से मिलती रहे तथा बच्चा नियमित रूप से दवा का प्रयोग करें और पौष्टिक आहार का सेवन करे, इसका ध्यान रखेंगे। राज्यपाल ने यह भी सलाह दी कि बच्चों की शिक्षा में कोई व्यवधान हो तो उसका भी निस्तारण किया जाये। राज्यपाल ने राजभवन आये सभी बच्चों को पोषणयुक्त खाद्य सामग्री और फल वितरित किये। यह सभी बच्चें राजभवन के नजदीकी क्षेत्र के रहने वाले हैं। इस अवसर पर राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव श्री हेमन्त राव, विशेष सचिव डाॅ0 अशोक चन्द्र, जिला क्षय रोग निवारण अधिकारी डाॅ0 पी0के0 गुप्ता सहित राजभवन के अधिकारीगण उपस्थित थे।
राज्यपाल ने कहा कि भारत को टी0बी0 रोग से मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस दृष्टि से यह तय किया गया है कि टी0बी0 रोग से ग्रसित बच्चों को गोद लेने की पहल की राजभवन से शुरूआत की जाये। गोद लेना कोई उपकार नहीं है। जागृत समाज का फर्ज है कि समाज स्वस्थ हो। जो सम्पन्न हैं वे अपनी जरूरत के अतिरिक्त कुछ अंश समाज के लिये भी खर्च करें। छोटे-छोटे प्रयास से बड़ा लक्ष्य प्राप्त हो सकता है। लोग शिक्षा, स्वास्थ्य, सरकारी योजना की जानकारी के अभाव के कारण लाभ नहीं उठा पाते। यह सबकी जिम्मेदारी है कि सरकारी योजना का लाभ पात्र व्यक्ति तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि जुड़कर काम करने से वर्ष 2025 का लक्ष्य समय से पहले भी पूरा हो सकता है। राज्यपाल ने स्वेच्छा से बच्चों को गोद लेने वाले अधिकारियों की सराहना भी की।
श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि सभी स्थान पर सरकार नहीं पहुंच पाती। ऐसी स्थिति में समाज के जिम्मेदार, सम्पन्न एवं समृद्ध लोग अपने दायित्व को समझते हुए स्वयं को रोगी के परिवार से जोड़े, चर्चा करें तथा समाधान निकालने में उनका सहयोग करें। उचित सफाई, पौष्टिक भोजन, समय पर दवाई लेने से रोग पर पूर्णतया काबू पाया जा सकता है। अस्वस्थ बच्चों में आगे चलकर विवाह एवं जीविकोपार्जन की भी समस्या आती है। उन्होंने अपने गुजरात और मध्य प्रदेश के अनुभव साझा करते हुऐ बताया कि ऐसे प्रयास से रोग ग्रस्त बच्चे कम समय में ही स्वस्थ हो गये और इससे प्रेरणा लेकर समाज के लोगों ने ज्यादा से ज्यादा बच्चें गोद लिये।
कार्यक्रम में जिला क्षय रोग निवारण अधिकारी डाॅ0 पी0के0 गुप्ता ने बताया कि जनपद लखनऊ में टी0बी0 रोग के 14,600 मरीज चिन्हित किये गये हैं जिन्हें दवाई और पौष्टिक आहार के लिये रूपये 500 का भत्ता सीधे उनके बैंक खाते में भेजा जा रहा है।