राहुल बोले, जम्मू-कश्मीर में स्थिति सामान्य नहीं
नई दिल्ली: विपक्ष के प्रतिनिधिमंडल में राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद, आनंद शर्मा, केसी वेणुगोपाल, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, डीएमके नेता तिरुची शिवा, शरद यादव, टीएमसी के नेता दिनेश त्रिवेदी, एनसीपी नेता माजिद मेमन और सीपीआई महासचिव डी राजा शामिल थे. हालांकि बसपा और सपा इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा नहीं थे.
कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी ने कहा, "मुझे राज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर आने का न्योता दिया था. मैंने निमंत्रण स्वीकार कर लिया. उन्होंने कहा था कि वहां सब कुछ सामान्य है. उन्होंने कहा था कि वो मेरे लिए एक हवाई जहाज भेजेंगे. मैंने उन्हें धन्यवाद देते हुए विमान लेना अस्वीकार कर दिया था. लेकिन मैंने उनका निमंत्रण स्वीकारते हुए कहा था कि मैं वहां आउंगा. मैं विपक्ष के वरिष्ठ नेताओं के साथ वहां गया था. हम वहां लोगों से मिलना चाहते थे. लोग किन परिस्थितियों से गुज़र रहे हैं यह जानना चाहते थे और इस स्थिति में उनकी मदद करना चाहते थे. दुर्भाग्य से हमें एयरपोर्ट से आगे जाने की इजाजत नहीं दी गई. वास्तव में यह बहुत दुखद है लेकिन हमारे साथ मीडिया के साथ भी दुर्व्यवहार किया गया, उनमें से कुछ लोगों को पीटा भी गया. इससे यह तो बिल्कुल स्पष्ट है कि जम्मू-कश्मीर में स्थिति सामान्य नहीं है."
सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, "जब हमें एयरपोर्ट पर हिरासत में लिया गया तब हमने पूछा कि ऐसा किन आरोपों में किया गया है और हम आदेश देखना चाहते हैं. क़ानून के मुताबिक हमें उस आदेश की एक प्रति दी जानी चाहिए. उन्होंने हमें वो कॉपी नहीं दी और उसे पढ़कर सुनाया. उन्होंने हमसे गुजारिश की कि कृपया प्रति हासिल करने पर ज़ोर नहीं दें. और जब हमने वो आदेश देखा तो उस आदेश में लिखा था कि हम लोगों को एकजुट कर व्यवधान पैदा करने आए हैं."
गुलाम नबी आज़ाद ने कहा, "केंद्र सरकार ने एक ऐसा क़ानून बनाया जिसे कश्मीर के लोगों ने स्वीकार नहीं किया. वहां की स्थिति पर पर्दा डालने के लिए पूरे राज्य को बंद कर के रखा गया है. न वहां के लोग देश के किसी आदमी से बात कर सकते हैं और न बाकी लोग उनसे. ये देश के लिए चिंता का विषय है."
विपक्ष के नेताओं के दौरे को कवर करने के लिए एयरपोर्ट पर जुटे मीडियाकर्मियों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उनके साथ बदसलूकी की. न्यूज़ चैनल के पत्रकारों ने बताया कि मीडियाकर्मियों से बदसलूकी यह कहते हुए की गई कि यह डिफेंस एयरपोर्ट है और आप यहां रिपोर्टिंग नहीं कर सकते.