कश्मीर में सब सामान्य के दावों के बीच श्रीनगर एयरपोर्ट से लौटाए गए राहुल व अन्य
श्रीनगर: कश्मीर में सब कुछ सामान्य होने के दावों के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अन्य विपक्षी दलों के नेताओं के साथ राज्यपाल सत्यपाल मलिक के न्यौते पर ही कश्मीर के दौरे पर आए तो सही पर उन्हें भी अब श्रीनगर एयरपोर्ट से वापस लौटा दिया गया। पहले ही कांग्रेस के राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद को दो बार वापस लौटाया गया था। इस कवायद ने अब उन दावों के प्रति शंका जरूर पैदा कर दी है जिनमें कहा जा रहा है कि कश्मीर में सब कुछ सामान्य है। राज्य प्रशासन की बेरूखी का स्वाद दिल्ली से आए पत्रकारों के दल को भी एयरपोर्ट पर ही चखना पड़ा जिनके साथ धक्का मुक्की भी की गई और कईयों को पीटा भी गया।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कई अन्य विपक्षी दलों के वरिष्ठ नेता दोपहर के समय शनिवार को कश्मीर का दौरा करने और अनुच्छेद 370 के प्रमुख प्रावधानों को हटाए जाने के बाद वहां की स्थिति का जायजा लेने श्रीनगर पहुंचे थे। ये नेता शनिवार को जैसे ही श्रीनगर एयरपोर्ट पहुंचे प्रशासन ने सभी को श्रीनगर हवाई अड्डे पर हीं रोक लिया और फिर वापस दिल्ली लौटा दिया।
राहुल गांधी 11 विपक्षी नेताओं संग श्रीनगर हवाई अड्डे पर जैसे ही पहुंचे, हवाई अड्डे पर हंगामा मच गया क्योंकि इन नेताओं को बाहर निकलने पर पाबंदी लगा दी गई थी। हालांकि जम्मू कश्मीर सरकार ने शुक्रवार रात बयान जारी कर राजनेताओं से घाटी की यात्रा नहीं करने को कहा था, क्योंकि उसका कहना था कि इससे धीरे-धीरे शांति और आम जनजीवन बहाल करने में बाधा पहुंचेगी। विपक्षी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल में राहुल गांधी, गुलाम नबी आजाद, डी राजा, शरद यादव, मनोज झा, माजीद मेमन अन्य नेता शामिल थे।
इस घटनाक्रम पर कांग्रेस नेता सलमान निजामी ने ट्वीट करते हुए कहा कि कश्मीर में शर्मनाक अघोषित आपातकात। श्रीनगर में राहुल गांधी और सभी विपक्षी दल के प्रमुख नेताओं को हिरासत में लिया गया है। उनके साथ गए पत्रकारों से भी हाथापाई की गई। यह एक उत्पीड़न है जो जम्मू कश्मीर में भाजपा द्वारा पैदा की गई गंदी स्थिति के बारे में बताता है।
प्रशासन ने ट्वीट किया था कि नेताओं के दौरे से असुविधा होगी. हम लोगों को आतंकियों से बचाने में लगे हैं। प्रशासन ने कहा कि नेता उन प्रतिबंधों का भी उल्लंघन कर रहे होंगे, जो अभी भी कई क्षेत्रों में हैं। वरिष्ठ नेताओं को समझना चाहिए कि शांति, व्यवस्था बनाए रखने और नुकसान को रोकने के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द किए जाने के बाद से ही राहुल गांधी मोदी सरकार पर हमलावर हैं और राज्य की स्थिति को लेकर चिंता जताने के साथ ही सरकार के इस फैसले पर कई सवाल खड़े किए थे। इसके बाद जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने दावा किया कि घाटी में हालात सामान्य हैं और राहुल को कश्मीर आने का निमंत्रण दिया।
विपक्ष के नेताओं के दौरे को कवर करने के लिए एयरपोर्ट पर जुटे मीडियाकर्मियों के साथ पुलिस ने धक्का मुक्की भी की और कईयों के साथ मारपीट भी की। कुछ पत्रकारों को चोटें भी आई हैं।