ऑटो के बाद अब टेक्सटाइल सेक्टर में गयीं बड़ी तादाद में नौकरियां
नई दिल्ली: पिछले कुछ महीनों ने यह खबर आ देख रहे होंगे कि ऑटो सेक्टर में मंदी की मार चल रही है। जिसकी वजह से टाटा मोटर्स ने कई स्टाफ की छटनी की थी। ऑटो सेक्टर की मंदी के बाद कताई उद्योग(spinning industry) में भी भारी मंदी आई है। मंदी की वजह से इस उद्योग में काम करने वाले लाखों लोगों की नौकरी का संकट का खतरा मंडरा रहा है। नॉर्दर्न इंडिया टेक्सटाइल मिल्स एसोसिएशन ने एक अंग्रेजी अखबार को दिये विज्ञापन में कहा है कि इस उद्योग में काम करने वाले लोगों की नौकरी संकट में है।
विज्ञापन में बताया गया है कि जीएसटी व अन्य करों की वजह से यह उद्योग अब तक के अपने सबसे बड़े संकट से गुजर रहा है। देश की करीब एक-तहाई से ज्यादा कताई मिलें बंद हो चुकी हैं। टेक्सटाइल इंडस्ट्री में तकरीबन 10 करोड़ लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तरीके से नौकरी करते हैं।
विज्ञापन में यह भी बताया गया है कि कॉटन और ब्लेंड्स स्पाइनिंग इंडस्ट्री कुछ उसी तरह के संकट से गुजर रही है जैसा कि पिछले 2010 और 2011 में देखा गया था। अप्रैल से जून की तिमाही में कॉटन यार्न के निर्यात में साल-दर-साल 34.6 फीसदी की गिरावट आई है। जून में तो इसमें 50 फीसदी तक की गिरावट आ चुकी है।
विज्ञापन के मुताबिक कताई उद्योग कर्ज पर ऊंची ब्याज दर, कच्चे माल की ऊंची लागत जैसी समस्याओं का सामना कर रहा है। भारतीय मिलों को ऊंचे कच्चे माल की वजह से प्रति किलो 20 से 25 रुपये का नुकसान हो रहा है।
नॉर्दर्न इंडिया टेक्सटाइल मिल्स एसोसिएशन ने केन्द्र सरकार से मांग कि है कि तत्काल कोई कदम उठाया जाये और लोगों को बेरोजगार होने से बचाएं जाएं।
सोशल मीडिया पर कंपनी का ये विज्ञापन वायरल हो गया है। लोगों का कहना है कि सोचिए, ये बात कहने के लिए आधे पेज का विज्ञापन क्यों देना पड़ा। क्योंकि मीडिया उनकी बात कह नहीं रहा, सरकार उनकी बात सुन नहीं रही। खबर विज्ञापन के रूप में हैं, और विज्ञापन अब खबर हैं।
कताई (Spinning) वस्त्र उद्योग का आरम्भिक और बहुत बड़ा प्रक्रम है। कपास आदि प्राकृतिक रेशों या अन्य कृत्रिम रेशों को ऐंठकर सूत बनाने की क्रिया को 'कताई करना' कहते हैं। पहले यह कार्य हाथ से किया जाता था किन्तु आजकल अधिकांश कताई स्वचालित मशीनों से की जाती है। भारत में ये एक बहुत बड़ा उद्योग है।