आरएसएस नेता बोले, कश्मीरी मुसलमानों को भारतीयता सिखाने की ज़रुरत है
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के कई खंड हटने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। मंगलवार (13 जुलाई, 2019) को उन्होंने एक अंग्रेजी अखबार से उन्होंने कहा कि अगला कदम अब कश्मीरी मुसलमानों को ‘भारतीयता’ सिखाने का होना चाहिए। बता दें कि इंद्रेश कुमार राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के संयोजक भी है।
संघ नेता कुमार ने ईटी से कहा, ‘एक खास तरह का इस्लाम धर्म है जो रमजान और ईद तक का सम्मान नहीं करता है। यह सिर्फ हिंसा फैलाता है। पुलवामा हमले ने इसे साफ कर दिया है। कश्मीरी मुस्लिमों को इस तरह के इस्लाम धर्म से दूर रहना चाहिए। देशभर के अन्य जगहों के मुसलमानों ने एक राष्ट्र, एक झंडा, एक संविधान और एक नागरिकता के सिद्धांत को स्वीकार किया है। और… अब यही तरीका है जिससे घाटी का विकास हो सकता है।’
राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के संयोजक ने आगे कहा, ‘लद्दाख और कश्मीर घाटी के एक चौथाई लोग अनुच्छेद 370 के समाप्त होने से खुश हैं। कुल मिलाकर जम्मू-कश्मीर की लगभग दो-तिहाई आबादी इस अनुच्छेद के हटने से खुश है।’ उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम के बाद जम्मू-कश्मीर के पंडितों, डोगरों, सिखों, शिया मुसलमानों, गुर्जर और दलितों को न्याय मिला है।
कुमार के मुताबिक, ‘कश्मीर घाटी भारत का अभिन्न अंग रही है और घाटी के लोगों को आगे बढ़ाने के लिए राष्ट्रवाद और राष्ट्रहित की अवधारणा से जोड़ने की दिशा में काम करना होगा। उन्होंने कहा कि कश्मीरी मुस्लिमों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो शांति और विकास चाहता है। यह वर्ग जानता है कि भारत ही उन्हें यह सब दे सकता है।
कश्मीर में हाल के घटनाक्रम का जिक्र करते हुए RSS नेता ने कहा कि उन्होंने अपने संगठनों के माध्यम से राज्य के तमाम लोगों से मुलाकात की है और अब उनके दो संगठन प्रशासनिक लोगों से उन विषयों पर बातचीत कर रहे हैं जिनके माध्यम से पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग किया जा सके।