जम्मू कश्मीर की भाजपा जमीन खरीद और सरकारी नौकरी में ‘आउटसाइडर्स’ के लिए चाहती है कुछ प्रतिबंध
नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर को स्पेशल स्टेटस देने वाला आर्टिकल 370 और 35ए हटा दिया गया है। लेकिन इस फैसले के एक हफ्ते के अंदर स्थानीय बीजेपी चाहती है कि बाहरी लोगों के लिए जम्मू कश्मीर में जमीन खरीदने और सरकारी नौकरियों के लिए कुछ प्रतिबंध लगाए जाएं। संडे एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक वरिष्ठ बीजेपी नेता निर्मल सिंह का कहना है कि वो निवास प्रमाण पत्र की तरह एक सेफगॉर्ड चाहते हैं। उनका मानना है कि इससे स्थानीय लोगों के हितों की रक्षा होगी।
पांच अगस्त को मोदी सरकार के फैसले के बाद विपक्ष सवाल खड़े करता रहा है कि इससे स्थानीय लोगों के लिए जमीन अपर्याप्त हो जाएगी और सरकारी नौकरियों में भी मुश्किलें खड़ी होंगी। लेकिन फैसले के एक हफ्ते बाद बीजेपी को भी इस बात का एहसास हो गया है।
संडे एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू कश्मीर में बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता सुनील सेठी ने दावा किया है कि बाहरियों पर प्रतिबंध समेत सरकार पहले ही सभी मुद्दों पर काम कर रही है। जल्दी ही कोई तरीका लाया जाएगा। निर्मल सिंह ने कहा, 'हमारे पड़ोसी राज्यों हिमाचल प्रदेश और पंजाब में इस तरह के कानून हैं तो स्थानीय लोगों के हितों की रक्षा करते हैं।' उन्होंने कहा कि पंजाब में कोई व्यक्ति सभी सरकारी नौकरी के योग्य होता है जब वो कम से कम 6 वर्ष से राज्य का निवासी हो। इसी तरह हिमाचल प्रदेश में कोई खेती की जमीन नहीं खरीद सकता।
गृह मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को हटाने के खिलाफ कश्मीर घाटी में पिछले कुछ दिनों में छिटपुट विरोध हुआ था और इनमें से किसी में भी 20 से ज्यादा लोग शामिल नहीं थे। मंत्रालय के प्रवक्ता ने कश्मीर में लगभग 10 हजार लोगों द्वारा विरोध किये जाने संबंधी मीडिया रिपोर्ट को खारिज करते हुए इसे ‘‘मनगढ़ंत और गलत’’ बताया। अधिकारियों ने बताया कि पुंछ, रजौरी और रामबन जिलों में पाबंदियां जारी रहेंगी। प्रशासन ने जम्मू क्षेत्र के 10 जिलों में पांच अगस्त को सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी थी।