BoB राज्य-स्तरीय बैंकर समिति में उत्तर प्रदेश में विकास के प्रति आशान्वित
लखनऊ: बैंक आॅफ बड़ौदा ने 8 अगस्त को राज्य-स्तरीय बैंकर समिति, उत्तर प्रदेश की बैठक सफलतापूर्वक आयोजित की। इस बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, योगी आदित्यनाथ; कृषि मंत्रि, सूर्य प्रताप साही; राज्य कृषि मंत्री, रणवेंद्र प्रताप सिंह; डाॅ. अनूप चंद्र पाण्डेय, आईएएस, मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश सरकार; राजेन्द्र कुमार तिवारी, आईएएस, कृषि उत्पादन आयुक्त, उत्तर प्रदेश सरकार और बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों तथा केंद्र एवं राज्य सरकार के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘8 अगस्त, से, बैंक आॅफ बड़ौदा 1 लाख किसान क्रेडिट कार्ड्स बांटने के लिए ई-लाॅन्च का प्रयास कर रहा है। मैं इस क्षेत्र में और अधिक ठोस प्रयास देखना चाहूंगा, ताकि 15 फरवरी 2020 तक यह सुविधा उत्तर प्रदेश के प्रत्येक किसान तक पहुंच जाये। मैं इस अवसर पर बैंक आॅफ बड़ौदा के साथ-साथ अन्य बैंकों की भी प्रशंसा करना चाहूंगा जिन्होंने उत्तर प्रदेश के दूर-दराज के क्षेत्रों तक बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराया।’’
मुख्य सचिव, डाॅ. अनूप चंद्र पांडेय ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में बैंक के लिए ऋण-जमा अनुपात 56.73 प्रतिशत है। संत कबीर नगर, सिद्धार्थ नगर जैसे कुछ क्षेत्रों में, यह 40 प्रतिशत से भी कम है। प्रधानमंत्री जनधन योजना के जरिए, हम बैंकिंग सेवाओं को और अधिक क्षेत्रों तक पहुंचाना चाहेंगे और सुनिश्चित करना चाहेंगे कि वित्तीय समावेशन के जरिए विशाल स्पेक्ट्रम शामिल हो।’’
बैंक आॅफ बड़ौदा के प्रबंधन निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, पी.एस. जयकुमार ने कहा, ‘‘प्रदेश में बैंकों द्वारा किये जा रहे प्रयासों के साथ-साथ राज्य सरकार की नीतियों के चलते विकास प्रक्षेप बढ़ने से, यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि काॅर्पोरेट ऋण पुनर्संरचना, आने वाले समय में 78.20 प्रतिशत के भारतीय राष्ट्रीय औसत के अनुसार हो। इससे प्रदेश का जीडीपी भी बढ़ेगा और राष्ट्रीय औसत की बराबरी करेगा।’’
श्री जयकुमार ने आगे कहा, ‘‘एसएलबीसी (यूपी) प्रदेश के विकास में सार्थक योगदान दे रहा है। वर्तमान में, उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान 28 प्रतिशत है, और अर्थव्यवस्था के साथ किसानों को जोड़ने के लिए, बैंकों को ऐसे प्लेटफाॅम्र्स लाॅन्च करने होंगे जहां से किसानों को जानकारी मिल सके और वे अपने बीज आदि खरीद सकें और पैदावार की बिक्री कर सकें।’’