सोशल मीडिया के सहयोग से मात्र 4 घंटे के अंदर खोई हुई माँ को मिला परिवार
सोशल मीडिया के सहयोग से मात्र 4 घंटे के अंदर खोई हुई माँ को मिला परिवार
लखनऊ: आज सोशल मीडिया ने कमाल कर दिया। मात्र 4 घंटे के अंदर 16 दिन से खोई हुई एक माँ को अपने परिवार से मिलवा दिया। इन माता जी का नाम रीता कौर है जो रायपुर छत्तीसगढ़ की रहने वाली है। माता जी को भूलने की बीमारी है जिसको ठीक करने के लिए इनका परिवार 25 जुलाई को हरिवार इलाज के लिए आया था। वहां यह अपने परिवार से बिछड़ गयी और न जाने किस तरह लखनऊ आ गयी। 7 तारीख की रात लगभग 11.30 बजे एक पुलिस वाले का कॉल आया जिसने माता के बारे में बताया और माता जी के लिए मद्दत मांगने लगा। उसने बताया कि उसने कई लोगो को फ़ोन किया पर किसी ने भी अभी तक मद्दत नही की है। मैने तत्काल अपने साथी गौरव गुप्ता जी और जितेंद्र कुमार जी को फ़ोन किया एवं उन्हें तत्काल उस महिला को वहां से उठा कर चारबाग में उम्मीद संस्था के रैन बसेरे में ले जाने को कहा। अब माता जी को 7 तारीख की रात रैन बसेरे में आ चुकी थी। उनकी इस्थिति बहुत खराब थी , उनके शरीर से बहुत बदबू आ रही थी और लग रहा था कि उन्होंने कई दिनों से कुछ खाया भी नही है। रैन बसेरे में माता जी को पूरी तरह से साफ किया गया और फिर उनको भर पेट भोजन कराया गया। 8 जुलाई 2019 को मैने माता जी की गुमशुदगी की खबर सोशल मीडिया में सुबह करीबन 6 बजे डाली और सुबह 11.30 मेरे पास एक फ़ोन आया कि शायद यह माता जी को वो लोग जानते है। वो लोग बाराबंकी के एक सरदार जी थे जिनका नाम मंजीत सिंह है वह अपनी पत्नी कर साथ दोपहर 2 बजे उम्मीद संस्था के कार्यालय आये। तब हमलोगों ने माता जी को चारबाग रैन बसेरे से उम्मीद के कार्यालय बुलवाया और इनके सामने आते ही वह लोग माता जी को पहचान गए। तब उन्होंने माता जी के परिवार वालो को फ़ोन किया एवं उनको वीडियो कॉल के माध्यम से माता जी को उनके परिवार वालो को दिखाया। माता जी का परिवार हरिद्वार में कई दिनों से उनको ढूंढ रहा था और वह लोग तत्काल हरिद्वार से लखनऊ के लिए रवाना हो गए।
आज सुबह 11 बजे जब माता जी के परिवार वाले उनके सामने आए तो सभी लोग फुट फुट के रोने लगे और सभी ने उनको गले से लगा लिया। कितना अच्छा लगता है कि जब कोई अपना बिछड़ जाए और अचानक कई दिनों के बाद मिल जाये।