बेगुनाह नौजवानों का जीवन बर्बाद करने वालों को बिना सज़ा दिए न्याय अधूरा है: मौलाना अरशद मदनी
19 साल बाद 4 मुस्लिम युवक आतंकवाद के आरोपों से बाइज़्ज़त बरी
नई दिल्ली:- दहशदगर्दी के नाम पर बेगुनाह युवकों की क़ानूनी लड़ाई लड़ने वाली जमियत उलेमा हिंद ने 19 साल बाद बाइज़्ज़त बरी हुए चार मुस्लिम युवकों पर बात करते हुए मौलाना अरशद मदनी (अध्यक्ष, जमीयत उलेमा हिन्द) ने कोर्ट के फ़ैसले पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा की न्यायपालिका से इतने वर्षों बाद न्याय का स्वागत है लेकिन उन नौजवानों का क्या जिनके जीवन का अहम हिस्सा ख़ुद को बेगुनाह साबित करने में निकल गया. अरशद मदनी ने कोर्ट से ये माँग की वो ऐसी व्यवस्था करे जिससे इन बेगुनाह इंसानो को सामाजिक और आर्थिक भरपाई हो सके और इन बेगुनाहों के गुनाहगारों को ऐसा संदेश जाए जिससे कोई दूसरा पीड़ित ना हो. मौलाना मदनी ने मीडिया पर बात करते हुए कहा मीडिया का रवैया ख़बरों से ज़्यादा पक्षपातपूर्ण एजेंडा पत्रकारीता हो गयी हैं. मौलाना मदनी ने सरकार और कोर्ट से गुजारिस करते हुए कहा की ऐसी व्यवस्था तय की जाए जिससे की इन बेगुनाहों को फ़साने वाले और पक्षपात पूर्ण मीडिया ट्रायल करने वाले मीडिया संस्थाओ को कड़ा संदेश जाए.