सूचना प्रौद्योगिकी, स्वाध्याय एवं शोध सफलता के मूल मंत्र: प्रो जे पी सिंह
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय मथुरा में आयोजित तीन दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आज समापन हो गया। कार्यक्रम के तीसरे दिन तीन विशिष्ट विद्वानों ने विभिंन्न विषयों पर सारगर्भित उद्बोधन दिए। कार्यक्रम की शुरुआत में मैंटिस कंपनी के सी ई ओ डॉ. विनोद दुम्ब्लेकर ने गेम्स तथा सिमुलेशन को शिक्षा पद्धति में समावेश कर शिक्षण की प्रक्रिया को आकर्षक एवं प्रभावी बनाने के गुण शिक्षकों को बताया। उन्होंने कहा कि छात्रों को कम समय में अधिक पठन पाठन की सामग्री को सफलतापूर्वक समझाया जा सकता है। पूरे विश्व में अध्यापन सामग्री का तेजी से गेमिफिकेशन हो रहा है ताकि छात्र मनोरंजन पूर्ण तरीके से अध्ययन कर सकें।
राजबाला फाउंडेशन के प्रवर्तक डॉ. सतीश कौशिक जोकि उच्च स्तरीय और अनुभवी मनोवैज्ञानिक हैं ने सभी शिक्षकों को शिक्षण के दौरान छात्रों के मनोवैज्ञानिक स्थिति के बारे में पूरी जानकारी रखने के लिए समझाया और कहा कि ऐसा करने से शिक्षण प्रक्रिया को काफी प्रभावी बनाया जा सकता है।
बैंगलोर की जानी मानी आई टी कंपनी एक्सलेटर के बिज़नेस हेड श्री सौरभ तिवारी ने सभी शिक्षकों को एक्सलेटर बैंगलोर के द्वारा बनाई गयी इंटीग्रेटेड आई टी पोर्टल के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि एक्सलेटर कंपनी संस्कृति विश्वविद्यालय में अध्यनरत एवं अध्यापनरत छात्रों एवं शिक्षकों के लिए नॉलेज पोर्टल और जॉब पोर्टल मुफ्त उपलब्ध करा रहा है ताकि छात्रों को अपने ज्ञान एवं कौशल के उन्नयन का भरपूर मौका मिल सके।
डी एस कॉलेज अलीगढ के अनुभवी प्रोफेसर जय प्रकाश सिंह ने सभी शिक्षकों को प्रभावी शिक्षण एवं अध्यापन के आधुनिक तकनीकों, विधियों एवं प्रक्रियाओं के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि शिक्षकों को स्वाध्याय, सूचना प्रौद्योगिकी, एवं शोध पर विशेष ध्यान देते हुए आधुनिक तकनीकों का प्रयोग कर शिक्षण को प्रभावी बनाना चाहिए।
ओ एस डी श्रीमती मीनाक्षी शर्मा ने कहा कि फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्रम्मेस के आयोजन से सभी शिक्षकों में नई ऊर्जा का संचार हुआ है जो कि उन्हें अर्जित ज्ञान एवं कौशल को शिक्षण को प्रभावी बनाने में मदद करेगा ।
कार्यक्रम के अंत में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर पी सी छाबड़ा ने टीम बिल्डिंग एवं लीडरशिप पर उद्बोधन देने के बाद शिक्षकों को टीम बिल्डिंग गेम्स के सहारे शिक्षण को प्रभावी बनाने के टिप्स बताये।
कुलपति डॉ. राणा सिंह में सभी विद्वानों एवं शिक्षकों को पूरे उत्साह से प्रतिभाग करने के लिए बधाई देते हुए कहा कि शिक्षकों का प्रभावी शिक्षण छात्रों के उज्जवल भविष्य के साथ राष्ट्र निर्माण में भी बड़ा योगदान देता है।