सीडीआरआई में तीन कौशल विकास कार्यक्रम संपन्न
लखनऊ: सीएसआईआर- सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट देश में एक ऐसा अनूठा अनुसंधान एवं विकास संस्थान है, जिसमें नई दवा की खोज हेतु "कॉन्सेप्ट से कमर्शियलाईज़ेशन (व्यावसायीकरण)" के लिए बुनियादी ढाँचा एक ही छत के नीचे मौजूद है। यह संस्थान अत्याधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से एक वैश्विक लीडर है। दवाओं की खोज और विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए, संस्थान कौशल विकास मिशन सहित राष्ट्रीय मिशन के अनेक कार्यक्रमों का समन्वयन कर योगदान दे रहा है।
भारतीय अर्थव्यवस्था के सतत विकास एवं निरंतर वृद्धि के लिए कुशल मानव संसाधन की कमी एक बड़ी बाधा है। यह संस्थान, अपने कौशल विकास कार्यकम के माध्यम से देश की फ़ार्मा इंडस्ट्री के लिए पेशेवर रूप से प्रशिक्षित युवाओं को तैयार कर इस ज्ञान-अंतराल, इस कमी को दूर करना चाहता है। पाठ्यक्रम, प्रशिक्षण की तलाश में छात्रों, युवा शोधकर्ताओं और इंडस्ट्री स्पोन्सोर्ड (उद्योग प्रायोजित) कर्मचारियों की आकांक्षाओं को पूरा करेगा और इन चुनिन्दा क्षेत्रों में कौशल विकास हेतु व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करेगा।
वर्तमान में सीएसआईआर-केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान, अपने कौशल विकास कार्यक्रम के तहत तीसरे से सातवें स्तर के छह (6) प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम संचालित कर रहा है। स्किल इंडिया हमारे देश के युवाओं को कौशल विकास के माध्यम से सशक्त बनाने के लिए शुरू की गई एक ऐसी पहल है जो युवाओं को अपने कार्य क्षेत्र (विधाओं) में अधिक रोजगारोन्मुख और अधिक उत्पादक बनाती है।
इसी तारतम्य में कुल 26 उम्मीदवारों ने सफलतापूर्वक तीन अलग-अलग कौशल विकास कार्यक्रमों में सर्टिफिकेट कोर्स पूरा किया। जिनमें, प्रयोगशाला प्रायोगिक जंतुओं की देखभाल एवं प्रबंधन उन्नत पाठ्यक्रम (6 सप्ताह), डेटा विश्लेषण एवं विवेचन पर कार्यक्रम (9 सप्ताह) और उन्नत स्पेक्ट्रोस्कोपिक तकनीक पर कार्यक्रम (12 सप्ताह), आदि । निदेशक, प्रोफेसर तपस कुंडू ने प्रतिभागियों को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।