उन्नाव रेप केस: पीड़ित परिवार की चिट्ठी न मिलने पर CJI नाराज़
नई दिल्ली: उन्नाव रेप की पीड़िता के कार दुर्घटना में बुरी तरह जख्मी होने से कुछ दिन पहले ही उसके घरवालों ने सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को पत्र लिखा था। जिसमें उन्होंने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और आरोपियों द्वारा कथित रूप से धमकी दिये जाने और उनसे अपनी जान को खतरे की आशंका व्यक्त की थी। लेकिन वो खत प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के पास पहुंचा ही नहीं था। इसी मसले में अब सीजेआई रंजन गोगोई ने सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्री से जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्री को नोटिस भेजकर पूछा गया है कि उन्नाव रेप पीड़िता के परिवार की ओर से 12 जुलाई को लिखे गए खत को उनके सामने लाने में देरी क्यों की गई? इसके अलावा पीड़िता का मेडिकल रिपोर्ट भी मांगा गया है।
रविवार 28 जुलाई को उन्नाव रेप पीड़िता के कार का एक्सीडेंट रायबरेली में हो गया था। जिसमें पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई है। वहीं पीड़िता और उसके वकील की हालात गंभीर है। उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है।
सुप्रीम कोर्ट के एक अधिकारी के मुताबिक रेप पीड़िता के परिजनों द्वारा हिन्दी में लिखा गया यह पत्र प्रधान न्यायाधीश के कार्यालय में प्राप्त हुआ था। प्रधान न्यायाधीश ने सेक्रेटरी जनरल को इस पत्र के आधार पर एक नोट तैयार करके पेश करने का आदेश दिया है। इस पत्र को पीड़िता के दो परिवार के सदस्यों ने लिखा था। जिसे सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के अलावा इलाहाबाद उच्च न्यायालय और उत्तर प्रदेश सरकार के अन्य प्राधिकारियों को भेजा गया था।
केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो ( CBI)ने उन्नाव रेप पीड़िता की दुर्घटना के मामले में भारतीय जनता पार्टी ( BJP) के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और 10 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इसके अलावा सीबीआई ने 20 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। सीबीआई की टीम घटनास्थल का भी मुआयना करेगी।
पीड़िता की मां आरोप लगाया है कि यह हादसा नहीं बल्कि हम सबको खत्म करने की साजिश थी। पीड़िता के चाचा को अंतिम संस्कार के लिए यूपी पुलिस ने पैरोल दी है। आज (31 जुलाई) पीड़िता के परिवार के मारे गये लोगों का 11.30 बजे अंतिम संस्कार होना है।
जून 2017 को पीड़िता ने आरोप लगाया था कि उन्नाव से बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने उसका रेप किया था। मामले में पहले तो यूपी पुलिस ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ एफआईआर लिखने से मना कर दिया था। लेकिन अप्रैल 2018 को पीड़िता ने विधायक के खिलाफ एफआईआर की मांग करते हुए लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास के बाहर आत्मदाह करने की कोशिश की। जिसके बाद मामले की जांच शुरू हुई। इसी बीच अप्रैल 2018 को पीड़िता के पिता की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई। जिसका आरोप भी विधायक पर लगा। मामले को बाद में सीबीआई को सौंपा गया। सीबीआई ने जुलाई 2018 में पहली चार्जशीट दाखिल की, जिसमें कुलदीप सेंगर को मुख्य आरोपी बनाया गया। जिसके बाद आरोपी विधायक को गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि बाद में आरोप विधायक को जमानत दे दी गई। इस केस में अभी अंतिम फैसला नहीं आया है।