अहमदाबादः आसाराम के अहमदाबाद स्थित आश्रम में 3 जुलाई 2008 में हुई दीपेश और अभिषेक नाम के बच्चों की संदिग्ध मौत के मामले में खुलासा हुआ है कि दोनों बच्चों की मौत का जिम्मेदार आश्रम प्रशासन है. इसका खुलासा रिटायर्ड जस्टिस डीके त्रिवेदी जांच आयोग की रिपोर्ट में हुआ है. शुक्रवार को इस रिपोर्ट को विधानसभा में पेश किया गया, जिसमें कहा गया है कि बच्चों की मौत के लिए आसाराम का आश्रम प्रशासन जिम्मेदार है. यह प्रशासन की ही लापरवाही थी कि बच्चे परिसर से गायब हो गए और बाद में उन दोनों के शव आश्रम के पीछे से मिली.

रिपोर्ट में कहा है कि भविष्य में ऐसी कोई भी घटना न हो,इसके लिए जरूरी है कि 10 साल से कम के बच्चों को नदी के पास न जाने दिया जाए. जांच आयोग ने आश्रम की व्यवस्था को दुरुस्त करने का भी सुझाव दिया है. जिसमें सीसीटीवी कैमरा लगाना, प्राथमिक ट्रीटमेंट मिले ऐसी व्यवस्था करना, नदी के आसपास बच्चों को न जाने देना और आश्रम के आस-पास सुरक्षा व्यवस्था करने का सुझाव दिया गया है.

बता दें इस मामले की जांच पहले सीआईडी क्राइम को सौंपी गई थी, लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी दोबारा जांच कराई गई और न्यायिक जांच के लिए रिटायर्ड जस्टिस डीके त्रिवेदी कमीशन का गठन किया गया. हालांकि, रिपोर्ट में आयोग ने कहा है कि इस मामले में पुलिस और साईआईडी क्राइम की कोई गलती नहीं थी. बच्चों की मौत के लिए सिर्फ और सिर्फ आश्रम प्रशासन की लापरवाही जिम्मेदार है.

बता दें 2 जुलाई 2008 को आसाराम के अहमदाबाद स्थित आश्रम के पीछे बहने वाली साबरमती नदी के किनारे से संदिग्ध हालत में दो बच्चों के शव बरामद हुए थे. मृत बच्चों की पहचान दीपेश और अभिषेक बाघेला के रूम में हुई थी. जिसके बाद बच्चों के परिजनों ने आश्रम पर लापरवाही का आरोप लगाया था. बता दें मृत बच्चे इसी आश्रम में पढ़ते थे. ऐसे में बच्चों की मौत के बाद उनके परिजनों ने आरोप लगाया था कि 'आश्रम में काला जादू होता है और इसी के चलते बच्चों की हत्या की गई है.'