मध्य प्रदेश: कमलनाथ को मिला BJP विधायकों का साथ
भोपाल: जहां एक तरफ इस तरह की चर्चाएं हैं कि कर्नाटक के बाद अब मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार खतरे में आ सकती है, तो वहीं बुधवार को अलग ही स्थिति सामने आई। दरअसल, मध्यप्रदेश विधानसभा में आपराधिक कानून (संशोधन) पर मतदान के दौरान भाजपा के 2 विधायकों ने कमलनाथ सरकार के पक्ष में मतदान किया। इस पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, 'बीजेपी कहती है कि हम अल्पसंख्यक सरकार हैं और किसी भी दिन गिर सकते हैं। आज विधानसभा में (आपराधिक कानून संशोधन पर) भाजपा के दो विधायकों ने हमारी सरकार के पक्ष में मतदान किया।'
कमलनाथ ने कहा, 'नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि हमें निर्देश मिल जाए, फौरन सरकार गिर जाएगी। मैंने उन्हें आमंत्रित किया कि विश्वास प्रस्ताव आज ही हो जाए। उन्होंने स्वीकार नहीं किया। ये बात एक बार सिद्ध करनी थी, दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए। आज जो मतदान हुआ है, वो सिर्फ एक विधेयक पर नहीं है, ये मतदान बहुमत सिद्ध करने का है। इस मतदान में बीजेपी में भारतीय जनता पार्टी के 2 सदस्य नारायण भाई और शरद भाई ने कांग्रेस सरकार का साथ दिया है। हमारी सरकार बहुमत की सरकार है।'
बुधवार को विधानसभा में गोपाल भार्गव ने कहा, 'ऊपर से नंबर एक और दो का आदेश हुआ तो सरकार एक दिन भी नहीं चलेगी।' इस पर कमलनाथ ने कहा कि वह सदन में बहुमत साबित करने के लिए विश्वास प्रस्ताव का सामना करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने भार्गव से कहा, 'आपके नंबर 1 और 2 स्मार्ट हैं। वे सरकार को अस्थिर करने का कोई प्रयास नहीं कर रहे हैं क्योंकि वे जानते हैं कि यह संभव नहीं है।'
इससे पहले मंगलवार को मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, 'हम यहां की सरकार के गिरने का कारण नहीं बनेंगे। कांग्रेस के नेता स्वयं अपनी सरकारों के पतन के लिए जिम्मेदार हैं। कांग्रेस में एक आंतरिक संघर्ष है, और बीएसपी-एसपी का समर्थन है, अगर ऐसा कुछ होता है तो हम कुछ नहीं कर सकते।'
इस पर कमलनाथ सरकार में मंत्री और कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने कहा, 'भाजपा ने हमारे लिए समस्याएं पैदा करने के लिए सब कुछ किया है, लेकिन यह कमलनाथ की सरकार है, कुमारस्वामी की नहीं, उन्हें इस सरकार में हॉर्स ट्रेडिंग करने के लिए सात जन्म लेने होंगे।'
231 सीटों वाली मध्य प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं। उसे बसपा (2), सपा (1) और निर्दलीय (4) विधायकों का समर्थन है। वहीं बीजेपी के पास 108 सीट हैं।