अब सब्स्टिीट्यूट खिलाड़ी भी कर सकेगा बैटिंग, बोलिंग और कीपिंग
स्लो ओवर रेट पर अब कप्तान नहीं होंगे सस्पेंड
नई दिल्ली: इंटरनेशनल क्रिकेट मैचों में अक्सर दबाव में रहने वाले कप्तानों के लिए अच्छी खबर है. अब इन कप्तानों को धीमी ओवर गति के लिए निलंबन नहीं झेलना पड़ेगा. आईसीसी(ICC) ने ऐसे किसी अपराध पर कप्तान और अन्य खिलाड़ियों को समान रूप से सजा देने का प्रावधान किया है. इसकी शुरूआत आगामी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप से होगी. इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने सब्स्टिीट्यूट खिलाड़ी से जुड़े नियम में संशोधन को मंजूरी दे दी है
आईसीसी क्रिकेट समिति के सुझावों को उसके बोर्ड ने मंजूरी दे दी है. विश्व टेस्ट चैंपियनशिप 2019 से 2021 तक चलेगी. इसकी शुरुआत एक अगस्त से शुरू हो रही एशेज सीरीज(Ashes Series) से हो रही है. आईसीसी ने कहा, ‘'विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के मैचों में अगर कोई टीम तय समय में ओवर पूरे नहीं कर पाती तो हर ओवर की एवज में उसके दो अंक काटे जाएंगे. सभी खिलाड़ी इसके लिए समान रूप से दोषी माने जाएंगे और एक समान सजा भुगतेंगे. अब कप्तानों को इसके लिए निलंबन नहीं झेलना होगा.’ आईसीसी के मुताबिक धीमी गति से ओवर डालने पर अब सजा में बदलाव किया गया है.
इससे पहले जो नियम था उसके मुताबिक धीमी ओवर गति के लिए कप्तान पर मैच फीस का 50 फीसदी जुर्माना लगता था और बाकी खिलाड़ियों पर 10-10% जुर्माना लगाया जाता था. अगर एक साल के अंदर तीन मैचों में ऐसा होता था, तो कप्तान पर बैन लगा दिया जाता था.
आईसीसी (ICC)ने सब्स्टिीट्यूट खिलाड़ी से जुड़े नियम में संशोधन को मंजूरी दे दी है. नए नियम के मुताबिक अगर कोई खिलाड़ी चोटिल होता है तो उसकी जगह दूसरा खिलाड़ी टीम में शामिल किया जा सकेगा. वह बॉलिंग, बैटिंग और विकेटकीपिंग भी कर सकेगा. ऐसे खिलाड़ियों को ‘कन्कशन सब्स्टिट्यूट’ कहा जाएगा. यह नियम इंग्लैंड-ऑस्ट्रेलिया के बीच एक अगस्त से होने वाली एशेज सीरीज से लागू होगा.