चंद्रयान-2 की सफल उड़ान
नई दिल्ली: भारत ने अंतरिक्ष में बड़ी कामयाबी पाई है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने इतिहास रचते हुए आज दोपहर 2 बजकर 43 मिनट पर श्री हरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से चंद्रयान 2 को लॉन्च किया। चंद्रयान 2 के लांच होते ही एक बार फिर भारत का नाम इतिहास के पन्नों पर सुनहरे अक्षरों में अंकित हो गया। इसरो द्वारा चंद्रयान 2 के सफल प्रक्षेपण पर राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने बधाई दी है।
चंद्रयान 2 ने श्री हरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से दोपहर 2 बजकर 43 मिनट पर प्रक्षेपण किया गया। प्रक्षेपण करने के ठीक 17 मिनट पर चंद्रयान 2 पृथ्वी की कक्षा में स्थापित हुआ। अब यह करीब डेढ़ महाने के सफर के बाद चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा। इसे इसरो का सबसे कठिन मिशन करार दिया जा रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, जब चंद्रयान 2 अपने सफर के अंतिम दिन रोवर समेत यान के लैंडर की सतह पर उतरेगा, वह समय भारतीय वैजानिकों के लिए सबसे कठिन होगा। इस बात की पुष्टि उस वक्त हो गई जब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख के. सिवान इस बात को स्वीकारा। उन्होंने इसे सबसे कठिन 15 मिनट बताया है।
रिपोर्ट के अनुसार, इसरो के इस मिशन की सबसे खास बात यह है कि ये चंद्रमा के डार्क जोन में उतरने वाला दुनिया का पहला मिशन होगा। बता दें कि चंद्रयान 2, चंद्रमा की सतह पर पानी की मौजूदगी का विश्लेषण करेगा और इससे जुड़ी कई ठोस बातों की खोज भी करेगा। इससे पहले चंद्रयान 1 पानी की मौजूदगी के बारे में दुनिया को बताया था।
चंद्रयान के सफल प्रक्षेपण पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्वीट कर इसरो और भारतवासियों को बधाई दी। राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा,'चंद्रयान 2 के त्रुटिपूर्ण प्रक्षेपण पर इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई। टीम इसरो ने चंद्रमा के लिए इस महत्वाकांक्षी और स्वदेशी मिशन के शुभारंभ के साथ भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक नया अध्याय लिखा। राष्ट्र को अपने वैज्ञानिकों और टीम इसरो पर बहुत गर्व है।'
इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उप राष्ट्रपति वैंकया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भारतीय वैज्ञानिकों को बधाई दी थी। बता दें कि इस मिशन की कमान दो महिलाओं के हाथों में है।
गौरतलब है कि चंद्रयान 2 बीते 15 जुलाई को ही लॉन्च होना था, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण इसका प्रक्षेपण नहीं हो पाया था। रिपोर्ट के मुताबिक, क्रॉयजोनिक इंजन में कुछ तकनीकी खराबी आने की वजह इसके प्रक्षेपण को टाला गया था। वहीं इस जीएसएलवी मार्क- ।।। रॉकेट को 'बाहुबली' नाम दिया गया है।