अनुज शर्मा ने बताया, कैसे बिना सिलाई बनते है डिज़ाइनर परिधान
लखनऊ । समय के साथ फैशन बदलता है और बदलते हैं उसके स्वरुप| फैशन की इसी दुनिया में अब एक नया स्वरुप अपना आकार ले रहा है| अभी तक हम सिलाई को फैशन की फील्ड का एक अभिन्न और महत्वपूर्ण अंग मानते थे लेकिन इस नए स्वरुप में सिलाई का कोई स्थान नहीं है| बात थोड़ी हैरानी वाली भले ही हो लेकिन है बिलकुल सही| फैशन डिजाइनिंग के इस नए स्वरुप में रबर बैंड और बटन या उस जैसी किसी वस्तु से हज़ारों तरह के परिधान तैयार किये सकते हैं |
इस अद्भुत कला को पूरी दुनिया में पहुँचाने वाले "बटन मसाला" के नाम से मशहूर सुप्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय फैशन डिज़ाइनर श्री अनुज शर्मा को आज लखनऊ में लोगों से रूबरू करवाया INIFD ने| फैशन डिजाइनिंग के क्षेत्र में विगत 25 वर्षों से फैशन डिज़ाइनरों की प्रतिभा और उनके व्यक्तित्व निखार के लिए यह संस्थान जुटा हुआ है | INIFD की लखनऊ ब्रांच के 20 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में श्री अनुज शर्मा के नेतृत्व में इस नई कला पर आज एक वर्कशॉप का भी आयोजन किया गया|
इस अवसर पर अनुज शर्मा ने बिना सिलाई कपड़ों को कैसे परिधान का रूप दिया सकता है विस्तार से बताया| उन्होंने कहा भारत में तरह के परिधान प्राचीन कल में पहने जाते थे मगर समय के साथ वह कला लुप्त होती चली गयी| उन्होंने कहा डिज़ाइन के नाम पर अभी तक हमने सिर्फ ख़रीदा ही है, परिधान निर्माण की यह तकनीक आपको खरीदार से रचनाकार बनाती है| इसमें समय और पैसे दोनों की बचत है, यह सिलाई की तुलना में काफी सस्ता है क्योंकि इसमें सिलाई नहीं, कटाई नहीं और बहुत कम व सस्ते मटेरियल का उपयोग होता है|
अब तक 30 हज़ार लोगों को परिधान निर्माण की यह नई कला सिखाने वाले अनुज शर्मा ने कहा मुझे इसकी प्रेरणा राजस्थान से मिली, चूँकि मैं राजस्थान का हूँ और जानता हूँ कि वहां के लोग कम लागत में ज़्यादा परिणाम कैसे हासिल करते हैं फिर वह बात चाहे पानी की हो या फिर खेती की| मैंने भी इस कला में वही फार्मूला अपनाया है यानि कम लागत में बेहतर नतीजा|
श्री अनुज शर्मा ने कहा कि दो कपड़ो को सिलकर एक करना कोई कमाल नहीं, कमाल तो तब है जब बिना सिलाई दो कपड़ों को एक बनाया जाय वह भी डिज़ाइनर रूप में | उन्होंने कहा इस विधा द्वारा लूज़ और टाइट फिटिंग सभी तरह के परिधान बनाये जा सकते हैं| आप एक कपड़े से दर्जनों डिज़ायनर परिधान बना सकते हैं|
बिना सिलाई इस तरह के परिधानों में मालफंक्शन की सम्भावना पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि पांच वर्षों में इस तरह की कोई शिकायत नहीं मिली है हालाँकि उन्होंने यह भी कहा की ऐसी अप्रिय घटना के न होने की गारंटी नहीं है और यह सिलाई वाले परिधानों में भी हुआ है और इसमें भी हो सकता है मगर इसमें आप बहुत तेज़ी से रिकवर कर सकते हैं|
इससे पहले हुए वर्कशॉप में अनुज शर्मा ने INIFD के फैशन डिज़ाइनरों को इस कला की बारीकियां समझाई| वर्कशाप में डिजाइनरों को ड्रेपिंग करने के अनेकों तरीके बताये डिजाइनरों के कलेक्शन तथा उनके द्वारा निर्मित पोर्टफोलियों का विधिवत अवलोकन किया और उनकी कला में और कैसे निखार आये इस पर भी महत्वपूर्ण चर्चा की।