तबादलों से नाराज जूनियर इंजीनियरों ने मुख्यालय घेरा
**शिकायतों के आधार पर बिना जांच, बिना दण्ड तबादले हुए हो ठप्प होगा काम
लखनऊ: जनप्रतिनिधियो और बड़े ठेकेदारों की साठगाठ के आधार पर तबादला नीति को दरकिनार कर तबादलें किये जाने से नाराज लोक निर्माण विभाग के जूनियर इंजीनियरों ने आज मुख्यालय पर प्रमुख अभियंता ग्रामीण संड़क इं. आर.सी. बर्नवाल के कार्यालय के समक्ष धरना देकर जोरदार विरोध दर्ज कराया। धरने में स्पष्ट रूप से कहा गया कि लोक निर्माण विभाग में प्रमुख अभियंता ग्रामीण सड़क द्वारा जारी स्थानान्तरण का पालन इस धरने में चिकित्सकों की आराम करने की सख्त सलाह के बावजूद प्रदेश अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी मौजूद रहे। धरने की अध्यक्ष कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष इं. दिवाकर राय एवं संचालन अतिरिक्त महामंत्री इं. एन.डी. द्विवेदी द्वारा किया गया। धरने को सम्बोधित करते हुए संघ के प्रदेश महामंत्री इं. बी.के. कुशवाहा ने बताया कि आज दिन भर धरना जारी रहने के उपरान्त कल 16 जुलाई को तबादला सूची की समीक्षा करने के उपरान्त इस धरना स्थल पर वृहद आन्दोलन जिसमें प्रदेश भर विकास काम ठप्प करने का निर्णय लिया जा सकता है। 16 जुलाई के धरने में प्रान्त भर के जूनियर शामिल हो सकते है।
इस धरने को सम्बोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष इं. हरिकिशोर तिवारी ने बताया कि उन्हें सूत्रों से मिली जानकारी में बताया जा रहा है कि क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि स्थानीय ठेकेदारों की शिकायतों के आधार पर जूनियर इंजीनियरों की झूठी शिकायत कर रहे है। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए हो रहा कि गुणवत्ता पूर्ण कार्य कराने के लिए कार्य स्थल पर जूनियर इंजीनियर की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ऐसे में ठेेकेदार मनमानी करते हुए गुणवत्ता प्रभावित करते है जिसका सीधे विरोध वहाॅ तैनात जूनियर इंजीनियर द्वारा किया जाता है। ऐसे में ठेकेदारों का सबसे पहला दूश्मन जूनियर इंजीनियर हो जाता है। उन्होंने कहा कि अगर किसी जूनियर इंजीनियर के खिलाफ शिकायत है तो पहले उसकी जाॅच कराये, दोषी पाए जाने पर निलम्बित करे फिर तबादला करे, केवल शिकायत के आधार पर स्थानान्तरण नीति के विरूद्ध तबादलें बर्दाश्त नही होगें हम प्रदेश व्यापी आन्दोलन करेगें। उन्होंने बताया कि इसी तरह 2011 में विभाग में स्थानान्तरण नीति को दरकिनार कर तबादले किये गए थे जिसकी शिकायत लोकायुक्त से करने के उपरान्त तत्कालीन प्रमुख अभियंता को दोषी मानते हुए उनकी पेंशन रोकी गई थी। धरने को सम्बोधित करते हुए अतिरिक्त महामंत्री इं. एन.डी. द्विवेदी ने बताया कि यह धरना तबादलें से जुड़ी पाॅच सूत्रीय मांगों को लेकर दिया जा रहा है। जिसमें स्थान्तारण नीति का अंक्षरशः पालन किया जाए। स्थानान्तरण प्रक्रिया पारदर्शी रखी जाए। झूठी शिकायतों के आधार पर स्थानान्तरण न किया जाए। अवर अभियंताओं के विरूद्ध की गयी शिकायतों का शासनादेश के आलोक मेें परीक्षण किया जाए। विभागीय नीति के अनुसार गुणवत्ता पूर्वक कार्य कराने वाले अवर अभियंताओं का उत्पीडन स्थानान्तर के द्वारा न किया जाए। इस धरने में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के पूर्व अध्यक्ष रामजी तिवारी, परिषद के महामंत्री शिवबरन सिंह यादव इसके अलावा इं. पंकज सिंह चैहान, इं. श्रीयोधन आर्या, इं. राकेश कुमार गोयल, इं. राजेश कुमार, इं. प्रकाश चन्द्र, इं. अरूण कुमर मिश्र, म इं. मो. याकूब,इं. राकेश कुमार त्रिपाठी, मंत्री सिविल, इं. रविकुमार वर्मा, इं. अरूण कुमार तिवारी, इं. रूचि गुप्ता, इं. अक्षयवीर सिंह, इं. ओम प्रकाश यादव, मंत्री वित्त इं. रमेश कान्त, इं. एस.के. पाण्डेय, इं. संतोष कुमार मिश्र, इं. रामवीर यादव अदि ने सम्बोधित किया।