RTI कार्यकर्ता की हत्या मामले में भाजपा के पूर्व सांसद को उम्रकैद
हैदराबाद: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने गुरुवार को जुलाई 2010 में आरटीआई कार्यकर्ता अमित जेठवा की हत्या के मामले में गुजरात के सौराष्ट्र से भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद दीनू बोघा और छह अन्य लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई. अदालत ने छह जुलाई को इन सभी को दोषी करार दिया था और सजा पर फैसला सुरक्षित रखा था. दूसरे दोषियो में सांसद का भतीजा शिवा सोलंकी, संजय चौहान, शैलेश पांड्या, पचन देसाई, उडाजी ठाकोर और पुलिस कांस्टेबल बहादुरसिंह वाडेर शामिल हैं.
उन पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 के तहत हत्या, 201 के तहत अपराध के सबूत गायब करने, आपराधिक षड्यंत्र के लिए 120 बी और हथियार या गोला-बारूद के अवैध कब्जे के लिए शस्त्र अधिनियम की धारा 25 (1) के तहत आरोप लगाए गए थे. एक सख्त फैसले में अदालत ने 195 गवाहों में से 105 के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू करने का आदेश दिया, जो बाद में मुकर गए थे. विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश के.एम. दवे ने सभी दोषियों पर संयुक्त रूप से 59,25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
न्यायाधीश दवे ने निर्देश दिया कि इस राशि में से 11 लाख रुपये जेठवा के परिवार को दिए जाएंगे, जिसमें उनकी पत्नी के लिए पांच लाख रुपये का राष्ट्रीय बैंक में फिक्सड डिपॉजिट और मारे गए आरटीआई कार्यकर्ता के दो युवा बेटों के लिए तीन लाख रुपये शामिल हैं. गिर के जंगलों में अवैध खनन गतिविधियों को उजागर करने के लिए गुजरात उच्च न्यायालय के बाहर दो हमलावरों ने जेठवा की 20 जुलाई 2010 को गोली मारकर हत्या कर दी थी.