आपका डाटा बेचकर सरकार ने कमाए 65 करोड़ रूपये
नई दिल्ली:: मोदी सरकार ने व्हीकल रजिस्ट्रेशन और ड्राइविंग लाइसेंस डाटा को बेचकर कमाई शुरू कर दी है. इस साल की शुरुआत में व्हीकल डाटा बेचने की पॉलिसी को कैबिनेट की मंजूरी मिली थी. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा में दिए गए अपने अपनी लिखित जवाब में बताया कि सरकार ने डाटा बेचकर 65 करोड़ रुपये की कमाई की है. सरकार की तरफ से अब तक 87 प्राइवेट कंपनियों और 32 सरकारी कंपनियों को वाहन डाटा बेचा गया है.
बल्क डाटा शेयरिंग पॉलिसी के तहत प्राइवेट कंपनियों और शैक्षणिक संस्थानों को डाटा एक्सेस की इजाजत दी जाती है. इसमें शैक्षणिक संस्थान से एक साल के लिए 3 करोड़ रुपये, सरकारी संस्थानों से 5 करोड़ रुपये लिए जाते हैं.
इस योजना के तहत वाहन खरीदने वाली कंपनियों को वाहन (VAHAN) और सारथी (SARATHI) डाटाबेस एक्सेस करने की इजाजत मिल जाती है, जिसका उपयोग अब तक देशभर में आरटीओ करता था. वाहन और सारथी को पहली बार साल 2011 में पेश किया गया था, जिस पर मौजूदा वक्त में बड़े पैमाने पर वाहन डाटा मौजूद है.