बुलंदशहर DM के घर सीबीआई का छापा, भारी मात्रा में नकदी मिलने की खबर
नई दिल्ली: अवैध खनन मामले में बुधवार सुबह सीबीआइ की टीमों ने यूपी के बुलंदशहर जिलाधिकारी अभय सिंह के यहां छापा मारा. मिली जानकारी के मुताबिक सीबीआई ने नोट गिनने की मशीन मंगाई है. आशंका जाहिर की जा रही है कि डीएम अभय सिंह के घर से भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई है. इसके अलावा मुरादाबाद में प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक में महाप्रबंधक शैलेश रंजन के घर पर सुबह सीबीआइ की टीम ने छापा मारा है.
जानकारी के मुताबिक सुबह दो वाहनों में सवार होकर पहुंची सीबीआई की टीम ने डीएम के सरकारी आवास पर छापा मारा. एक घंटे की तलाशी के बाद सीबीआई ने नोट गिनने की मशीन मंगवाई. घर पर डीएम अभय सिंह भी मौजूद हैं.
फतेहपुर में तैनाती के दौरान उन पर अवैध खनन में लिप्त होने का आरोप लगा था. इसी सिलसिले में सीबीआई की टीम ने छापेमारी की है. पांच महीने पहले ही अभय सिंह को बुलंदशहर का डीएम बनाया गया था. इसी मामले में कुछ दिन पहले बुलंदशहर की पूर्व डीएम रहीं बी. चंद्रकला के यहां भी छापेमारी हुई थी.
इससे पहले मंगलवार को भी सीबीआई ने यूपी समेत 19 राज्यों में 119 जगह छापेमारी की थी. सीबीआई ने मंगलवार को मायावती के करीबी रिटायर्ड आईएएस अफसर नेतराम के लखनऊ व नई दिल्ली स्थित ठिकानों पर छापेमारी की. नेतराम के अलावा सीबीआई ने रिटायर्ट आईएएस विनय प्रिय दुबे, पूर्व बसपा एमएलसी इकबाल समेत 14 ठिकानों पर दस्तावेज खंगाले. इनमें कुछ निजी फर्मों से जुड़े लोग भी शामिल हैं. सीबीआई ने मंगलवार को 19 राज्यों में कुल 119 ठिकानों पर छापेमारी की. एजेंसी ने 30 नए मामले भी दर्ज किए हैं.
दरअसल, साल 2012 में अवैध खनन पट्टों को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी. जिस पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने 2013 में आदेश दिया कि अब कोई भी नया पट्टा नहीं दिया जाएगा और पुराने पट्टों का नवीनीकरण भी नहीं होगा. इस दौरान 10 महीने के करीब अभय सिंह फतेहपुर के डीएम थे. आदेश के बावजूद जिले में खनन जारी रहा. जिसके बाद जुलाई 2016 में इलाहाबाद हाईकोर्ट कोर्ट ने यूपी के सात जिलों में अवैध खनन मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे जिसमें, फतेहपुर, सहारनपुर, कौशांबी, हमीरपुर, शामली, देवरिया और सिद्धार्थनगर शामिल हैं. सीबीआई कई सालों से अवैध खनन मामले की जांच कर रही थी. जांच के दौरान सीबीआई को पता चला कि अवैध खनन से हुई काली कमाई की मलाई खाने में कई सफेदपोश और अधिकारी शामिल हैं. जांच के आधार पर ही अब सीबीआई लगातार छापेमारी कर रही है.