भाजपा सांसदों को ‘पदयात्राएं’ निकालने का निर्देश
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों को अपने निर्वाचन क्षेत्रों में 'पदयात्रा' निकालने के लिए कहा है। इस 'पदयात्रा' के दौरान सांसदों को प्रत्येक बूथ के वरिष्ठ नागरिकों के साथ बातचीत और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर महात्मा गांधी के विचारों को प्रचारित करना होगा। ये 'पदयात्राएं' गांधी जयंती दो अक्टूबर और सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती 31 अक्टूबर के बीच निकाली जाएंगी। प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को संसद भवन स्थित लाइब्रेरी भवन में पार्टी की बैठक को संबोधित करते हुए सांसदों को 'पदयात्राएं' निकालने के निर्देश दिए।
इस बैठक के बाद संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में अत्यंत महत्वपूर्ण कार्यक्रम 'गांधी 150' का जिक्र किया। इस साल महात्मा गांधी की 150वीं जयंती है। दो अक्टूबर से 31 अक्टूबर के बीच सांसदों के लोकसभा क्षेत्रों में 150 किलोमीटर लंबी पदयात्रा निकाली जाएगी।' संसदीय कार्यमंत्री ने बताया कि राज्यसभा के सांसदों के बीच भी निर्वाचन क्षेत्र का बंटवारा किया जाएगा।
जोशी ने आगे कहा, 'पदयात्रा के लिए प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में कम से कम 15 से 20 टीमें बनाई जाएंगी। ये टीमें रोजाना 15 किलोमीटर की पदयात्रा करेंगी। सांसदों से गांधी जी, स्वतंत्रता संग्राम पर कार्यक्रम आयोजित करने और पौधारोपण अभियान की शुरुआत करने के लिए कहा गया है।' मंत्री ने कहा कि इन यात्राओं का उद्देश्य गांवों को नए सिरे से खड़ा करना और उन्हें स्वावलंबी बनाना है। इस बैठक में मौजूद भाजपा के एक नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सांसदों से प्रत्येक बूथ पर स्थानीय लोगों से बातचीत करने और इस कार्यक्रम को राजनीति से दूर रखने के लिए कहा है। प्रधानमंत्री का कहना है कि इन कार्यक्रमों के जरिए हमें महात्मा गांधी के संदेशों को लोगों तक पहुंचाने का अवसर मिला है।
बता दें कि पहली बार 2014 में सत्ता में आने के बाद पीएम मोदी ने महात्मा गांधी के 150वीं जयंती को ध्यान में रखते हुए 'स्वच्छता अभियान' की शुरुआत की। पीएम ने कहा कि गांधी जी को स्वच्छता बहुत पसंद थी और उनके जयंती के मौके पर देश यदि गदंगी मुक्त हो जाता है तो इससे बढ़कर और कोई तोहफा महात्मा गांधी के लिए नहीं हो सकता। 'स्वच्छता' अभियान को रफ्तार देने के लिए पीएम ने खुद झाड़ू उठाई और दिल्ली सहित अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में सफाई अभियान में हिस्सा लिया। इसका असर यह हुआ कि भाजपा के अलावा विपक्ष के नेता भी सफाई अभियान में शरीक हुए और लोगों के बीच सफाई- स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ी।