शिक्षाविदों और शोधार्थियों को नये कौशल सीखना बेहद ज़रूरी
आई.आई.एल.एम. लखनऊ में फैकल्टी डेवेलपमेन्ट प्रोग्राम (एफ.डी.पी.) का समापन
आज दुनिया व्यवहारिक शिक्षा की ओर बढ़ रही है, इस बदलते हुये वातावरण से तालमेल बनाये रखने के लिये शिक्षाविदों और शोधार्थियों को नये कौशल सीखना अत्यन्त आवश्यक है। शोध आज की आकादमिक क्षेत्र का अभिन्न अंग बन गया। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए आई.आई.एल.एम., गोमती नगर, लखनऊ में इंडियन इन्डस्ट्रीज एसोसिएशन (प्प्।) के सहयोग से शिक्षकों एवं शोध-विद्यार्थियों के लिये ‘‘रिसर्च मैथोडोलाॅजी, ‘‘आर’’ प्रोग्रामिंग एवं क्वालिटेटिव रिसर्च’’ विषय पर एक फैकल्टी डेवेलपमेन्ट प्रोग्राम का आयोजन दिनांक, जुलाई 01 से 06, 2019 के मध्य आयोजित किया। इस फैकल्टी डेवेलपमेन्ट प्रोग्राम में यू0पी0, दिल्ली, राजस्थान आदि राज्यों के प्रतिष्ठित प्रबन्धन संस्थानों, राज्य एवं केन्द्रीय विश्वविद्यालयों के लगभग 20 शिक्षकगण एवं शोधार्थी भाग लिया। फैकल्टी डेवेलपमेन्ट प्रोग्राम में ओमान इत्यादि के अन्तर्राष्ट्रीय प्रतिभागियों ने भी हिस्सा लिया।
एक सप्ताह चलने वाले इस प्रोग्राम में शोध की बेसिक से लेकर एडवांस तकनीक के बारे में प्रतिभागियों को रिसर्च में प्रयुक्त होने वाले साफ्टवेयरों से अवगत कराया गया तथा रिसर्च में प्रयुक्त होने वाले साॅफ्टवेयर का प्रैक्टिकल ज्ञान दिया गया। इससे प्रतिभागियों को उच्च गुणवत्ता के शोधपत्र लिखने और व्यापारिक शोध में प्रयोग होने वाली उचित तकनीक का उपयोग करने में सहायता मिलेगी।
इस एक सप्ताह चलने वाले एफ.डी.पी. में प्रोफेसर देवाशीश दास गुप्ता, प्रोफेसर, आई.आई.एम, लखनऊ, डा0 संजय मेधावी, प्रोफेसर लखनऊ विश्वविद्यालय, डा0 मसूद सिद्दीकी प्रोफेसर, जे.आई.एम., लखनऊ तथा प्रोफेसर सौरभ अग्रवाल, एच.बी.टी.आई, कानपुर नेे विभिन्न शोध तकनीकों से प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया। ट्रेनरों ने प्रतिभागियों को उपयोगी अध्ययन सामग्री भी प्रदान की।
एफ.डी.पी. का समापन प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र वितरण के साथ हुआ। आई.आई.एल.एम. की निदेशक डा0 नायला रूश्दी, डीन डा0 शीतल शर्मा एवं आई.आई.ए. से श्री डी. एस. वर्मा, कार्यकारी निदेशक, ने प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किये। इस फैकल्टी डेवेलपमेन्ट प्रोग्राम की अध्यक्ष डा शीतल शर्मा ने 6 दिवसीय इस एफ.डी.पी. की रिपोर्ट प्रस्तुत की। प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा करते हुये कहा कि उन्होंने आई.आई.एल.एम. में 6 अद्भुत दिन गुजारे। इस दौरान उन्हें काफी कुछ सीखने को मिले जो उनके कैरियर में अत्यन्त उपयोगी होगा।