वाटरप्रूफिंग को न समझे बेकार
सौरभ अग्रवाल निदेशक कामधेनू ग्रुप
माॅनसून की बारिशों के कुछ नकारात्मक पहलुओं से भी दोचार होना लाजिमी है- छत से पानी लीक होना, रिसाव और कहीं-कहीं तो ढांचे में खामी की वजह से इमारत ही गिर जाती है। पहले लोग यह मान के बैठ जाते थे कि एक बार इमारत बन कर खड़ी हो गई तो पानी संबंधी मसलों पर कुछ खास ज्यादा करना मुमकिन नहीं लेकिन आज कई ऐसे उत्पाद आसानी से बाजार में उपलब्ध हैं जो न सिर्फ निर्माण के वक्त ही पानी से होने वाली क्षति से इमारतों को सुरक्षित कर देते हैं बल्कि निर्माण के बाद उत्पन्न हुई समस्या का समाधान कर के भी घरों व बड़ी-ऊंची इमारतों को महफूज़ रखते हैं। लंबे समय तक चलने वाली बारिश और भीगे मौसम की वजह से इमारत की दीवारों व छतों से रिसाव, नमी, ड्रिपिंग व लीकेज जैसी समस्याएं पेश आ सकती हैं। खराब निर्माण व घटिया सामग्री के चलते इमारतों में दरारें पड़ जाती हैं जिनसे होकर पानी काॅन्क्रीट के ढांचे में आ घुसता है। यह न केवल देखने में खराब लगता है बल्कि इमारत के ढांचे के लिए भी यह खतरा है। लिक्विड वाटरप्रूफिंग को आमतौर पर काॅन्क्रीट और प्लास्टर के लिए अपनाया जाता है। यह इनोवेटिव वाटरप्रूफिंग साॅल्यूशन सीमेंट के लिए टाॅनिक की तरह काम करता है और इसे बुनियाद से लेकर छत तक इस्तेमाल किया जा सकता है। इस सीमेंट ऐडिटिव को खास तौर पर तैयार किया गया है, यह दरारें पड़ने से रोकता है जिससे लीकेज नहीं हो पाती और इस तरह से इमारत की उम्र में इजाफा होता है।वाटर पू्रफिंग कम्पाउंड तेज़ी से लोकप्रिय हो रहे हैं न केवल इसलिए कि ये पानी को इमारत में घुसने से रोकते हैं बल्कि इसलिए भी मजबूत निर्माण, इमल्शन और रक्षात्मक कोटिंग में इनसे वृद्धि होती है और इस प्रकार इमारत का ढांचा मौसम की मार से सुरक्षित रह पाता है। आजकल पांच वाटर प्रूफिंग सिस्टम सबसे ज्यादा पसंद किये जा रहे हैंः कन्वेंशनल रिजिड सिस्टम, क्रिस्टलाइन सिस्टम, फ्लेक्सिबल मैम्ब्रेन, कैमिकल कोटिंग और वाटर-रैपलेंट इम्प्रेगनेट्स।अंग्रेजी कहावत है कि वक्त पर लगाया एक टांका नौ टांकों की मेहनत बचा लेता है। इसीलिए निर्माण के दौरान ही वाटर प्रूफिंग के बुनियादी सिद्धांतों का पालन करने से निश्चित तौर पर एक वाटर प्रूफ ढांचा निर्मित होगा जो बहुत लंबे वक्त तक टिका रहेगा। सीपेज व लीकेज के खिलाफ रोकथाम के उपायों की आवश्यकता के प्रति जागरुकता होना बेहद अहम है। इमारत का डिजाइन बनाते वक्त ही जोखिम हटाने के लिए जरूरी निर्माण घटक शामिल किये जाने चाहिए। नए निर्माण के लिए ऐडमिक्सचर, प्लास्टिसाज़र्स व इंटेग्रल वाटर प्रूफिंग कम्पाउंड उपलब्ध हैं जो एक प्रभावशाली अवरोध प्रदान करते हैं जिससे पानी काॅन्क्रीट को काटकर अंदर नहीं आ पाता। सौरभ अग्रवाल निदेशक कामधेनू ग्रुप ने कहा कि सीमेंट की बाॅन्डिंग व ऐडहेसिव गुणों को बढ़ाकर वाटरप्रूफिंग उत्पाद नींव, बीम, काॅलम, टैरेस, बाहरी व भीतरी प्लास्टर को पुख्ता करते हैं और इमारतों को ज्यादा मजबूत बनाते हैं। नमी को रोकने के लिए ये उत्पाद जो अवरोध खड़े करते हैं उनसे स्टील/लोहा भी ज़ंग से सुरक्षित रहता है जिससे इमारत का टिकाऊपन और बढ़ता है। वाटर प्रूफिंग साॅल्यूशन असरदार हों इसके लिए इमारत के अहम घटक जैसे ब्लाॅक वाॅल और अंडरग्राउंड फाउंडेशन सर्वश्रेष्ठ आकार में होने चाहिए। इसलिए सबसे ज्यादा कोशिश यह सुनिश्चित करने पर लगनी चाहिए कि इनका निर्माण पूरी तरह संतोषजनक ढंग से हो। इमारत को ऐसी किसी भी खामी से मुक्त रखना चाहिए जिससे पानी इकट्ठा हो सकता हो, यह सावधानी अत्यंत आवश्यक है। एक सुरक्षित ढांचा सुनिश्चित करने के लिए खामी की तत्काल पहचान करें और उसका पुख्ता निवारण करें।