भूमि की बिना रजिस्ट्री के हो गया था शिलान्यास और बजट आवंटन
जानकीपुरम विस्तार ट्रामा सेन्टर को लेकर सामने आया चौंकाने वाला तथ्य
लखनऊ। जानकीपुरम विस्तार में बनने वाले ट्रामा सेन्टर को लेकर चौंकाने वाले तथ्य सामने आये है। शिलान्यास और बजट आवंटन होने के बाद अभी तक अधिकारिक रूप से स्वास्थ्य विभाग के पक्ष में ट्रामा सेन्टर की भूमि हस्तान्तरित नहीं हो पायी है। बताया जा रहा है कि जमीन के निबंधन की कार्रवाई के लिये अधीक्षण अभियंता चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं स्वास्थ्य भवन ने बीते 19 जून को विशेष सचिव चिकित्सा अनुभाग-6 उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ को पट्टा विलेख के निष्पादन की कार्रवाई के लिये पत्र भेजा है। वहीं दूसरी ओर लम्बे अर्से तक ट्रामा सेन्टर के लिये लड़ाई लड़ने वाली लखनऊ जन विकास महासभा ने इस मामले में की जा रही हीलाहवाली को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन देने जा रही है, ताकि जानकीपुरम विस्तार में बनने वाले ट्रामा सेन्टर का निर्माण जल्द से जल्द करवाया जा सके। उल्लेखनीय है बीते सात मार्च को तत्कालीन गृहमंत्री और स्थानीय सांसद राजनाथ ने इस ट्रामा सेन्टर का शिलान्यास किया था और शासन ने लगभग ढाई करोड़ रूपये का प्रारम्भिक बजट निर्माण शुरू करने के लिये आवंटित किया था। शिलान्यास और बजट आवंटन के बाद अभी तक ट्रामा सेन्टर के निर्माण को लेकर कोई काररवाई शुरू न होने से लखनऊ जनविकास महासभा ने एक बार फिर अपनी कमर कस ली है और इस सन्दर्भ में संस्थापक संयोजक पंकज तिवारी के आवास पर महासभा के पदाधिकारियों की आवश्यक बैठक बुलायी गयी जिसमें जानकीपुरम विस्तार के ट्रामा सेन्टर के निर्माण में बरती जा रही ढिलायी को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को ज्ञापन देने का निर्णय लिया गया। महासभा के अध्यक्ष एस0के0 बाजपेयी की अध्यक्षता में हुयी बैठक में ट्रामा सेन्टर की काररवाई पर नजर रख रहे उपाध्यक्ष संतोष तिवारी ने जानकारी देते हुये बताया कि विगत वर्ष सचिव लखनऊ विकास प्राधिकरण के पत्र संख्या 751/सचिव/बल्क सेल/18 दिनांक 30-11-2018 द्वारा एक एकड़ भूमि निःशुल्क चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को लीज रेंट के आधार पर आवंटित की गयी थी, उसके पश्चात चुनाव अचार संहिता के पूर्व गोमती नदी के किनारे झूलेलाल पार्क में 7 मार्च को राजनाथ सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की उपस्थित में ट्रामा सेंटर का शिलान्यास किया था और लगभग ढाई करोड़ रुपये का बजट भी शासन के द्वारा आवंटित किया गया, परंतु अभी तक ट्रामा सेंटर के निर्माण में कोई भी प्रक्रिया शुरु नहीं हो सकी है’ जिससे क्षेत्रीय नागरिकों में जल्द से जल्द ट्रामा सेंटर के निर्माण को शुरू किए जाने की मांग उठने लगी है। बैठक में संतोष तिवारी ने बताया कि नवेद सिंह विशेष सचिव चिकित्सा अनुभाग-6 उत्तर प्रदेश शासन द्वारा दिनांक 29 जनवरी 2019 के पत्रांक संख्या 27/2019/67-पांच-6-2019-66(जी)/18 के द्वारा जानकीपुरम विस्तार योजना के सेक्टर-3 में ट्रामा सेंटर के भवन निर्माण हेतु प्रथम किश्त के रूप में 253.08 लाख रूपये की प्रशासनिक एवं 126. 54 लाख रूपये की वित्तीय स्वीकृति कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण एवं श्रम विकास सहकारी संघ लिमिटेड को निर्गत की गई थी। जिसके साथ ही साथ शासन द्वारा ही ’उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण एवं श्रम विकास सहकारी संघ लिमिटेड 29 कबीर मार्ग को ट्रामा सेंटर निर्माण को कार्यदायी संस्था भी नामित किया गया, परंतु उपरोक्त संस्था द्वारा निर्माण ना करवा कर अब उपरोक्त ट्रामा सेंटर को निर्माण कराने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश कंस्ट्रक्शन एवं इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन गोमती नगर को सौंपी गई है। बैठक में पदाधिकारियों ने खेद जताते हुये कहा कि बजट पास हुए लगभग तीन माह बीत चुके हैं परंतु अभी तक शिलान्यास किया हुआ पत्थर भी उपरोक्त जमीन पर कार्यदायी संस्था द्वारा नहीं लगाया गया है’ इसी के साथ ही साथ स्वास्थ्य विभाग द्वारा अभी तक उपरोक्त जमीन की रजिस्ट्री शासनादेश संख्या 18/2016/634/94-स्टांप निब-2-2016-7000 (634)/2016 दिनांक 30-06-2016 के बिंदु संख्या 5 एवं 6 में दी गई व्यवस्था के अनुसार राज्य सरकार के पक्ष में दान अथवा लीज के रूप में दी गई जमीन की रजिस्ट्री की कार्रवाई शासन स्तर पर प्रमुख सचिव अथवा उसके द्वारा नामित अधिकारी के हस्ताक्षर से ही उपनिबंधक कार्यालय में उपस्थित से मुक्त किया जाना ही मान्य है। मजे की बात तो यह है कि शिलान्यास और बजट आवंटन के लगभग तीन माह बाद उपरोक्त जमीन के निबंधन की कार्रवाई हेतु अधीक्षण अभियंता चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं स्वास्थ्य भवन द्वारा एक पत्र 19 जून को पत्रांक संख्या 9570/17फ/नि0नि0 आव/2019-20 के माध्यम से विशेष सचिव चिकित्सा अनुभाग-6 उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ को आलेख को न्याय विभाग में तैनात शासकीय हस्तांतरण से करने हेतु पट्टा विलेख के निष्पादन की कार्रवाई हेतु भेजा गया है जिसके पश्चात ही स्वास्थ विभाग द्वारा लखनऊ विकास प्राधिकरण के साथ में पट्टा विलेख के निष्पादन की कार्रवाई संभव हो सकेगी जो कि अभी तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा कार्यवाही नहीं कराई गई है?’