NIA और ताकतवर बनाने की तैयारी
सिर्फ शक की बुनियाद पर ही किसी को आतंकवादी घोषित करने की मिल सकती है पॉवर
नई दिल्ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को और अधिकार देने पर विचार कर रही है. इसके उद्देश्य से सरकार की योजना दो कानूनों में संशोधन करने की है जिससे एनआईए विदेश में भारतीयों और भारतीय हितों के खिलाफ आतंकवादी मामलों की जांच कर सके.
केंद्रीय कैबिनेट एनआईए कानून और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून में संशोधन पर निर्णय करेगी. संशोधित विधेयक संसद के चल रहे मानसून सत्र के दौरान इस हफ्ते संसद में पेश किया जा सकता है.
प्रस्ताव के बारे में जानकारी रखने वाले सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि संशोधन एनआईए को साइबर अपराध और मानव तस्करी के मामलों की जांच करने की भी इजाजत देगा.
गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून की अनुसूची चार में संशोधन से एनआईए उस व्यक्ति को आतंकवादी घोषित कर पाएगी जिसके आतंक से संबंध होने का शक हो. अब तक, केवल संगठनों को 'आतंकवादी संगठन' के रूप में घोषित किया जाता है.
2008 में हुए 26/11 मुम्बई आतंकवादी हमले के बाद साल 2009 में एनआईए का गठन किया गया था. इस हमले में 166 लोग मारे गए थे. सूत्रों ने कहा कि 2017 से केंद्रीय गृह मंत्रालय दो कानूनों पर विचार कर रहा है ताकि नई चुनौतियों से निपटने के लिए एनआईए को और शक्ति मिल सके.