कांग्रेस की तरह बीजेपी के पापों का घड़ा ज़रूर फूटेगा: मायावती
इंस्टेंटखबर ब्यूरो
लखनऊ: बी.एस.पी. कार्यालय में आयोजित पार्टी की अखिल भारतीय बैठक में ईवीएम के मार्फत लोकतंत्र व जनमत को हाईजैक करने की राष्ट्रीय चिन्ता पर गहन विचार-विमर्श किया गया तथा यह पाया गया कि ’एक देश, एक चुनाव’ बीजेपी का नया पाखण्ड वास्तव में इनकी चुनावी धांधलियों पर पर्दा डालने व बार-बार चुनाव में गड़बड़ी करके जीतने से बचने का प्रयास है। अगर देश में लोकसभा व सभी राज्यों में विधानसभा का आमचुनाव एक बार में एक साथ होगा तो फिर एक ही धांधली में बीजेपी का षड़यंत्र सफल हो जाएगा व देश पूरी तरह से विपक्ष-मुक्त होकर जातिवाद के अंधकार युग में चला जाएगा।
बैठक को सम्बोधित करते हुए बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रिय अध्यक्ष मायावती ने कहा , बीजेपी की जीत में अगर धांधली आदि नहीं है व उसे भारी जनमत प्राप्त है तो फिर बीजेपी एण्ड कम्पनी समय-समय पर जनता के बीच जाने से क्यों डरती है तथा बैलेट पेपर से चुनाव कराने की व्यवस्था से क्यों कतरा रही है? इजराइल मोदी का मित्र देश है जहाँ इस वर्ष संसद का दूसरी बार चुनाव हो रहा है, लेकिन बीजेपी सरकार की तरह इजराइल क्यों नहीं चिन्तित है? ये बातें क्या साबित नहीं करती है कि बीजेपी की जीत के पीछे ईवीएम की धांधली व भारी षड़यंत्र काम कर रहा है तथा दाल में काफी कुछ काला है।
मायावती ने कहा केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के अन्य राज्यों से आए बी.एस.पी. प्रतिनिधिमण्डलों ने भी अपने-अपने प्रदेशों मंे ईवीएम में गड़बड़ी के प्रति जन आशंकाओं को आज की बैठक में रखा और इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि ईवीएम पूरी तरह से बीजेपी व पीएम श्री नरेन्द्र मोदी के इशारे पर कैसे काम कर रही है? साथ ही, चुनाव आयोग ने जिस प्रकार से हर स्तर पर तथा कदम-कदम पर खासकर बीजेपी व नरेन्द्र मोदी के आगे घुटने टेके हैं उससे भी चुनाव के स्वतंत्र व निष्पक्ष होने पर गहरी आशंका देशभर में पाई जाती है, जिससे देश में लोकतंत्र कमजोर हुआ है और इसके उपायों के प्रति आमजनता काफी चिन्तित नजर आती है। देश की संवैधानिक संस्थाओं को इसका समाधान जरूर ढूढ़ना होगा।
मायावती ने कहा कि आज की बैठक से पहले नई दिल्ली स्थित पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में आयोजित चुनाव बाद की राज्यवार समीक्षा में भी सभी राज्यों से एक ही आवाज़ आई है कि बीजेपी के पक्ष में जो एकतरफा चुनाव परिणाम आये हैं वे अप्रत्याशित व जनपेक्षा के विपरीत है, जो बिना किसी सुनियोजित गड़बड़ी व धांधली के संभव ही नहीं है। इसीलिए ईवीएम को हटाकार दुनिया के अन्य देशों की तरह ही बैलेट पेपर से चुनाव अपने देश में भी कराया जाना चाहिए। इसके साथ ही, सत्ताधारी बीजेपी की देश में एक चुनाव के सम्बन्ध में अगर नीयत में खोट व नीति गलत नहीं होती तो इन्होंने बीजेपी शासित हरियाणा, महाराष्ट्र आदि राज्यों के भी चुनाव लोकसभा के आमचुनाव के साथ ही क्यों नहीं कराया जहाँ अब चुनाव होना निर्धारित है।
मायावती ने कहा कि देश की लगभग सभी प्रमुख विपक्षी पार्टिंयाँ ईवीएम के बजाए बैलेट पेपर से चुनाव कराने पर एकमत हैं, लेकिन बीजेपी व चुनाव आयोग इसके खिलाफ हैं जिससे देश में बेचैनी है। इसलिए बीजेपी अगर अपनी हठधर्मी पर अड़ी रही तो विरोध के अन्य उपायों पर भी जनता को विचार करना पड़ सकता है। फिर भी जब तक बीजेपी जनता के इस माँग की परवाह नहीं करती है और ईवीएम से ही चुनाव कराने पर अड़ी रहती है तो आने वाले उपचुनाव व चुनावों के लिए पार्टी के लोगों को उसी के हिसाब से तैयारी करनी है और ईवीएम की गड़बड़ियों का हर प्रकार से डट कर मुकाबला करने के लिए तैयार रहना है। अम्बेडकरवादी बाबा साहेब डा. अम्बेडकर की तरह ही कभी निराश नहीं होते हैं तथा हर कदम पर संघर्ष को तैयार रहते हैं।
मायावती ने पार्टी संगठन की मजबूती तथा सन् 2007 की तरह भाईचारा के आधार पर जनाधार को व्यापक बनाने पर जोर दिया। पार्टी संगठन का काम, जो लोकसभा चुनाव के कारण रूक गया था, उसे गति प्रदान करने के लिए विशेष दिशा-निर्देश दिए तथा अखिल भारतीय बैठक के बाद विभिन्न राज्यों की अलग-अलग बैठक करके उन्हें आगे की तैयारी व संगठन में आवश्यक फेरबदल के निर्देश दिए। विधानसभा आमचुनाव वाले राज्य खासकर हरियाणा व महाराष्ट्र के लिए अलग से बैठक में काफी विस्तार से चर्चा की गई।
मायावती ने इस अवसर पर बी.एस.पी. के नवनिर्वाचित सांसदों को निर्देश दिया कि वे व्यापक जनहित व देशहित के मामलों पर संसद में अपनी सार्थक भूमिका निभायें और साथ ही अपने-अपने क्षेत्र की जनता की सेवा में कोई कोर-कसर ना छोडं़े। जनता की सच्ची सेवा को अपनी असली धर्म समझें। यही निर्देश उन्होंने पार्टी विधायकों को भी दिया। मायावती ने कहा कि जनता के अपार प्रेम व संघर्ष पर उन्हें पूरा भरोसा है और यह भरोसा वे किसी भी हाल में कभी टूटने नहीं देंगी। मिशनरी उद्देश्यों वाला ’’सामाजिक परिवर्तन व आर्थिक मुक्ति’’ का संघर्ष बेकार जाने वाला नहीं है तथा बीजेपी के पाप का घड़ा, कांग्रेस पार्टी की ही तरह, जरूर फूटेगा।