असंगठित क्षेत्र को संगठित बी2बी ई-कॉमर्स स्पेस में बदल रहा है Excess2Sell.com
मुंबई: पिछले एक दशक में, भारत में ई-टेलिग में तेजी से वृद्धि हुई और यह 525 बिलियन डॉलर का उद्योग बन गया, लेकिन इसका पूरक बी2बी ई-कॉमर्स बाजार अपनी पूरी सामर्थ्य में विकसित नहीं हो सका। इस कम विकसित हुए बाजार में स्थान बढ़ने के लिए अनेक बी2बी कंपनियों ने अपने खुद के प्लेटफॉर्म बनाना प्रारंभ कर दिया है। अब 2020 तक इस बाजार का बढ़कर 700 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है। बी2बी ई-कॉमर्स देश में 50 मिलियन बी2बी बिज़नेसों की, जोकि देश के 14 मिलियन रिटेलर बेस को सामान सप्लाई करते है, बिना बिकी इन्वेंटरी की समस्या का समाधान प्रस्तुत करता है। Excess2Sell.com, एजिंग असेट्स के लिए भारत के सबसे बड़े बी2बी ऑनलाईन मार्केटप्लेस इस समस्या का समाधान करने के साथ असंगठित क्षेत्र को संगठित बी2बी ई-कॉमर्स स्पेस में बदल रहा है। 24,000 से ज्यादा बी2बी रजिस्टर्ड पार्टनर आधार के साथ कंपनी इस सेक्टर में सबसे आगे है, जो अपने ऑनलाईन एवं ऐप के माध्यम से लगभग 2,00,000 बिज़नेसों को जोड़ती है।
Excess2Sell.com के संस्थापक एवं चीफ एक्जि़क्यूटिव ऑफिसर, राजन शर्मा ने कहा, ‘‘बी2बी ई-कॉमर्स बाजार ऐसा बाजार है जिसका सामर्थ्य खोजने की जरुरत है। हमने बी2बी ऑनलाईन एक्सेस इन्वेंटरी स्पेस की जरूरत और सामर्थ्य को समझते हुए इस क्षेत्र में साल 2016 में प्रवेश किया था। अपने ऑपरेशंस के पहले साल Excess2Sell ने ऑनलाईन प्लेटफॉर्म के माध्यम से 2.3 मिलियन डॉलर मूल्य की एक्सेस इन्वेंटरी का कारोबार किया। उसके बाद से यह लेन-देन प्रतिवर्ष 400 फीसदी की दर से बढ़ रही है और इस साल की शुरुआत में मोबाईल ऐप के आ जाने से यह वृद्धि और ज्यादा तेज हो जाएगी।
Excess2Sell.com 2016 में अपनी शुरुआत से 60 प्रतिशत सीएजीआर की दर से बढ़ा है और इसने आज तक 12.3 मिलियन डॉलर की इक्सेस इन्वेंटरी का कारोबार किया है। कंपनी के ऑनलाईन पोर्टल पर ज्यादातर विनिमय टेलीकॉम एवं मोबिलिटी, कंप्यूटर्स और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की श्रेणी में होता है। यद्यपि कंपनी अन्य उत्पादों की इन्वेंटरी निकालने में भी मदद करती है, जिनमें लाईफस्टाईल एवं एक्सेसरीज़, फुटवियर एवं अपरेल्स, होम-फर्नीशिंग्स एवं खाद्य और खराब न होने वाले सामान शामिल हैं।
श्री शर्मा ने कहा, ‘‘बाजार की रिपोर्ट के अनुसार, ई-टेलिंग मार्केटप्लेस में प्रतिदिन लगभग 1.2 मिलियन विनिमय होते हैं, जिनमें सबसे बड़ा 47 प्रतिशत हिस्सा इलेक्ट्रॉनिक्स का है। इसके बाद 31 प्रतिशत हिस्सा अपरेल्स का, 8 प्रतिशत होम एवं फर्निशिंग्स का, 7 प्रतिशत किताबों का, 2 प्रतिशत बेबी प्रोडक्ट्स का तथा अन्य का शेष 7 प्रतिशत हिस्सा है। इससे हमें Excess2Sell को ऐसा प्लेटफॉर्म बनाने का बड़ा अवसर मिला, जहां बिना बिकी, अतिरिक्त इन्वेंटरी को इसी ईकोसिस्टम में उपयोग में लिया जा सके। इस समय हम आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स, टेलीकॉम और मोबिलिटी पर केंद्रित हैं और पिछले एक साल में हमारे ऑनलाईन प्लेटफॉर्म ने हमें इस सेगमेंट में लगभग 4 लाख उत्पाद लिक्विडेट करने में मदद की। हमें इसमें अपार वृद्धि की संभावनाएं दिख रही हैं और हमें उम्मीद है कि आने वाले समय में बी2बी के परिदृश्य में बड़े बदलाव आएंगे। Excess2Sell में होने वाले नए साझेदारों के पंजीकरण हमें काफी सकारात्मक संकेत दे रही हैं, जो साल-दर-साल 100 प्रतिशत से ज्यादा तेज गति से बढ़ रहे हैं। हमें प्रतिदिन लगभग 70 से 80 नए साझेदारों के रजिस्ट्रेशन मिलते हैं, जिनमें से ज्यादातर टियर 2 शहरों में स्थित हैं।’’
100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति मिल जाने के बाद विश्व की कंपनियों ने भारतीय बी2बी ई-कॉमर्स स्पेस में रुचि लेना प्रारंभ किया है। इससे बी2बी बाजार की सीमाएं खुल जाएंगी और यह अपनी पूरी सामर्थ्य में विकास कर सकेगा। जीएसटी की शुरुआत ने भारतीय इकाई, Excess2Sell को संगठित होने और इन्वेंटरी में जानकारी की विसंगति को सरल करने में समर्थ बनाया।