नरसिंहपुर हत्याकांड: बीजेपी केन्द्रीय मंत्री के बेटे सहित 7 लोग गिरफ्तार
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश की नरसिंहपुर पुलिस ने केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के पुत्र प्रबल पटेल सहित सात लोगों को हत्या के प्रयास के आरोप में मंगलवार को यहां गिरफ्तार किया। प्रहलाद पटेल मध्य प्रदेश में भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं तथा दमोह लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं। पटेल को हाल ही में केन्द्रीय मंत्रिपरिषद में पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के तौर पर शामिल किया गया है।
जिला पुलिस अधीक्षक गुरुकरण सिंह ने मंगलवार को को बताया कि प्रबल पटेल (26) और मोनू पटेल (27) सहित 12 आरोपियों के खिलाफ भादवि की धारा 307, धारा 365 और अन्य सम्बद्ध धाराओं में मामला दर्ज किया है। इनमें से प्रबल पटेल सहित सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि मोनू पटेल और अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
उन्होंने बताया कि प्रबल पटेल और मोनू पटेल के साथ करीब दो दर्जन लोगों का सोमवार रात को बैलहाई बाजार में तीन-चार युवकों से विवाद हो गया, इसके बाद आरोपियों ने युवकों से मारपीट की और इस दौरान गोली भी चलाई गई जो कि हिमांशु राठौर के हाथ में लगी। सिंह ने बताया कि मुख्य आरोपी प्रबल पटेल किसानी मोहल्ला गोटेगांव का निवासी है और केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल का पुत्र है जबकि एक अन्य आरोपी मोनू पटेल प्रहलाद पटेल के छोटे भाई जालम सिंह पटेल का पुत्र है।
जालम सिंह प्रदेश की भाजपा सरकार में मंत्री रहे हैं और वर्तमान में नरसिंहपुर विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक हैं। एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि हमले में राठौर के अलावा एक होमगार्ड सिपाही ईश्वर राय, राहुल राजपूत, शिवम राय और मयंक भी घायल हो गए। सभी घायलों को इलाज के लिए जबलपुर रेफर किया गया है। उन्होंने बताया कि हिमांशु राठौर और राहुल राजपूत 17 जून की रात गोटेगांव से एक शादी में शामिल होकर वापस कमोद गांव जा रहे थे, तभी रास्ते में बैलहाई बाजार में प्रबल पटेल और उसके साथियों से उनका विवाद हो गया।
इसके बाद आरोपी हिमांशु और राहुल को शिवम के घर ले गए और वहां उन्होंने शिवम, उसके पिता होमगार्ड के सिपाही ईश्वर राय और मयंक के साथ मारपीट की। पुलिस अधिकारी ने पीड़ितों के हवाले से बताया कि सभी पीड़ितों को जबरन मोनू पटेल के दफ्तर ले जाया गया और वहां भी उनके साथ मारपीट की गई।
केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के छोटे भाई और भाजपा विधायक जालम सिंह पटेल ने पीटीआई-भाषा को बताया कि घटना के समय मोनू जबलपुर में था और प्रबल जबलपुर से लौट रहा था तथा दोनों ही घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे। दोनों को राजनीतिक कारणों से इस मामले में फंसाया गया है। जांच में मोनू और प्रबल की लोकेशन पता की जा सकती है। यह बच्चों के बीच का झगड़ा था तथा मोनू, प्रबल और उनके मित्रों को इसमें जबरन घसीटा गया है। उन्होंने कहा कि हमने जिला पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर मामले की जांच करने की मांग की है।