बुजुर्गों के प्रति सिर्फ पैसे से ज़िम्मेदारी पूरी नहीं होती: राम नाईक
लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक नेे आज शिया पी0जी0 कालेज, लखनऊ में गाइड समाज कल्याण संस्थान द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय वृद्धजन दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में सहभाग किया। इस अवसर पर प्रदेश के पूर्व लोक आयुक्त न्यायमूर्ति सुधीर चन्द्र वर्मा, पूर्व न्यायमूर्ति कमलेश्वर नाथ, बैंक आफ बड़ौदा के प्रबन्धक डा0 रामजस यादव, डा0 यासूब अब्बास, शिया पी0जी0 कालेज के प्रधानाचार्य प्रो0 तलत हुसैन, गाइड समाज कल्याण संस्थान की संस्थापिका डा0 इन्दू सुभाष सहित बड़ी संख्या में वृद्धजन, युवा वर्ग व कालेज एवं संस्थान के पदाधिकारी उपस्थित थे। राज्यपाल ने इस अवसर पर बुजुर्गों का आदर व सम्मान करने के लिये सभी को शपथ भी दिलायी।
राज्यपाल ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि परिजनों को अपने वृद्धजनों से संबंधों को सहेजने की जरूरत है। बढ़ती उम्र में वृद्धजनों की पीड़ा को समझें और उसके अनुसार व्यवहार करें। बुजुर्गों से प्रेम और आदर से पेश आयें, वे केवल दया के पात्र नहीं होते बल्कि उनका जीवन हमारे लिये प्रेरणा पुंज के समान होता है। उन्होंने कहा कि युवाओं में मानवीय गुणों का समावेश किया जाना चाहिए।
श्री नाईक ने कहा कि बच्चे पढ़ लिखकर नौकरी के लिये दूर जाते हैं, जिससे माँ-बाप से भी दूरी हो जाती है। दोनों एक दूसरे को समझे केवल पैसे से दायित्व पूरा नहीं होता, आपसी भावनात्मक बन्धन जरूरी है। बुजुर्गों को खुशी बच्चों के प्यार और सम्मान से मिलती है। हर व्यक्ति की अपनी समस्या है और समस्या का हल निकालना ही समस्या का अन्त है। जो समस्या का हल निकालता है वही सफल होता है। उन्होंने कहा कि दुखी हाने से नहीं बल्कि सकारात्मक विचार ही से समाधान निकलता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए न्यायमूर्ति कमलेश्वर नाथ ने कहा कि परिवार में प्रेम का संचार होना चाहिए। छोटे-बड़े एक दूसरे के प्रति आदर व प्रेम प्रदर्शित करें। उन्होंने कहा कि केवल कानून से नहीं स्वयं के व्यवहार में परिवर्तन लाने से बदलाव आता है।
कार्यक्रम में न्यायमूर्ति एस0सी0 वर्मा, डा0 यासूब अब्बास, डा0 रामजस यादव, प्रधानाचार्य प्रो0 तलत हुसैन ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर वृद्धजनों को अंग वस्त्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।