हड़ताली डॉक्टरों ने दोहराई मांग, कहा – पहले माफी मांगें ममता
कोलकाता : पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल शनिवार को पांचवें दिन में प्रवेश कर गई। लेकिन डॉक्टरों और ममता बनर्जी सरकार के चल रहा गतिरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। मुख्यमंत्री ने शनिवार शाम हड़ताली डॉक्टरों को राज्य सचिवालय में बातचीत के लिए बुलाया था। लेकिन डॉक्टरों ने उनके आमंत्रण को ठुकरा दिया। साथ ही कहा कि मुख्यमंत्री को पहले माफी मांगनी होगी। शुक्रवार को भी डॉक्टरों में सीएम ममता का वार्ता ऑफर ठुकरा दिया था और कहा था कि वह हमारी एकता को तोड़ना चाहती है।
उधर उनके समर्थन में विरोध प्रदर्शन कर रहे एम्स के डॉक्टरों ने ममता सरकार को 48 घंटे की मोहलत देते हुए कहा कि उनकी मांगें पूरी की जाएं नहीं अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी। एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में अपने दो डॉक्टरों पर हमले के विरोध में हड़ताल पर गए डॉक्टरों ने शुक्रवार को कहा कि ममता बनर्जी को बिना शर्त माफी मांगनी होगी। इसके साथ ही डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल वापस लेने के लिए राज्य सरकार के समक्ष 6 शर्तें रखी हैं।
जूनियर डॉक्टरों के संयुक्त फोरम के प्रवक्ता अरिन्दम दत्ता ने कहा, 'हम बैठक के लिए मुख्यमंत्री के आमंत्रण पर राज्य सचिवालय नहीं जाएंगे। मुख्यमंत्री नील रत्न सरकार (एनआरएस) मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल आना होगा और एसएसकेएम अस्पताल में गुरुवार को अपने दौरे के दौरान की गई टिप्पणियों के लिए बिना शर्त माफी मांगनी होगी।’दत्ता ने कहा, ‘यदि वह एसएसकेएम जा सकती हैं तो वह एनआरएस भी आ सकती हैं अन्यथा आंदोलन जारी रहेगा।’ डाक्टरों के हमें न्याय चाहिए के नारों के बीच सरकार संचालित अस्पताल एसएसकेएम के दौरे के दौरान बनर्जी ने कहा था कि मेडिकल कॉलेजों में बाहरी लोग व्यवधान पैदा कर रहे हैं और वर्तमान आंदोलन सीपीएम और बीजेपी का षड्यंत्र है।
न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक इंडियन मेडिकल ऐसोसिएशन (आईएमए) ने पश्चिम बंगाल में आंदोलन कर रहे डॉक्टरों के प्रति एकजुटता जताते हुए शुक्रवार से तीन दिन के राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन के साथ सोमवार 17 जून को हड़ताल का आह्वान किया है। आईएमए ने यह भी कहा कि शुक्रवार से शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन शनिवार और रविवार को भी जारी रहेगा। इसमें डॉक्टर काले रंग के बिल्ले लगाएंगे और धरना देने के अलावा शांति मार्च निकालेंगे।