अभी बरक़रार रहेगा जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की मियाद छह महीने के लिए बढ़ाने को मंजूरी दे दी। यह तीन जुलाई से लागू होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई जिसमें जम्मू कश्मीर में केंद्र के शासन के विस्तार को मंजूरी दे दी गई जो राज्य में 20 जून 2018 से लगे राष्ट्रपति शासन का ही विस्तार है।
जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की मियाद बढ़ाए जाने के बाबत किए गए सवाल पर जावड़ेकर ने कहा, 'जी हां, यह फैसला किया गया है।' गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद राज्य में राष्ट्रपति शासन को लागू करने वाली उद्घोषणा पर हस्ताक्षर करेंगे जो तीन जुलाई से प्रभाव में आएगी।
कैबिनेट ने जम्मू कश्मीर रिजर्वेशन बिल 2019 को मंजूरी दे दी है, जिससे जम्मू-कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास रहने वाले लोगों को राहत मिलेगी।कैबिनेट ने आरक्षण के लिए वहां 1954 के राष्ट्रपति आदेश में बदलाव कर आरक्षण के प्रावधान में फेरबदल किया है।
इसके तहत जहां जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास रहने वाले लोगों के साथ-साथ अब अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रहने वाले लोगों को भी आरक्षण का लाभ मिलेगा। आर्डिनेंस जारी कर इसमें संशोधन किया गया और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रहने वालों को भी यह आरक्षण मिलेगा।
यूनिवर्सिटी में नियुक्ति को लेकर मोदी सरकार ने रोस्टर विवाद पर बड़ा फैसला लेते हुए अध्यादेश जारी कर पुराना सिस्टम बहाल किया।
वहीं मोदी सरकार मुस्लिम महिलाओं के हितों को ध्यान में रखते हुए आगामी संसद सत्र में तीन तलाक बिल पेश करने जा रही है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए ये बताया है। संसद में पारित होने के बाद प्रस्तावित विधेयक इस साल की शुरुआत में लागू अध्यादेश की जगह लेगा।
पिछले महीने 16वीं लोकसभा भंग होने के साथ यह विवादित विधेयक निष्प्रभावी हो गया था क्योंकि यह संसद द्वारा पारित नहीं हो सका और यह राज्यसभा में लंबित था।