GST के कारण 18 साल के सबसे बुरे दौर में पहुंची ऑटो कंपनियां, शो रूमों में सन्नाटा
नई दिल्ली: पिछले कुछ महीनों से ऑटोमोबाइल सेक्टर की डिमांड में भारी गिरावट देखने को मिल रही है. पैसेंजर व्हीकल की कम सेल के चलते हजारों गाड़ियां डीलर्स के पास खड़ी हैं. इंडस्ट्री बॉडी सियाम की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, कारों की सेल्स पिछले महीने 20.55 फीसदी घटकर 2,39,347 यूनिट पर आ गई. यह गाड़ियों की सेल्स में पिछले 18 साल की सबसे तेज गिरावट थी. सितंबर 2001 में पैसेंजर गाड़ियों की सेल्स में 21.91% की भारी कमी आई थी. एक्सपर्ट्स का कहना है कि कारों को जीएसटी के सबसे ऊंचे स्लैब 28 फीसदी में रखा गया है. इससे कंपनियों की लागत बढ़ रही है. वहीं, रोज़गार सेक्टर में धीमापन और पेट्रोल कीमतों में आई तेजी भी सेल्स में गिरावट की बड़ी वजह है.
इस साल मई महीने में कार सेल्स रिवर्स गीयर में है. पिछले महीने में घरेलू पैसेंजर्स व्हीकल्स सेल्स 20.55 फीसदी गिरकर 2,39,347 यूनिट दर्ज की गई, जोकि मई 2018 में 3,01,238 थी. वहीं, घरेलू कार सेल्स 26.03 फीसदी गिरकर 1,47,546 यूनिट रह गई. पिछले साल मई में घरेलू कार सेल्स 1,99,479 थी. ऑटो मैन्युफैक्चरर्स के संगठन सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) ने मंगलवार को आंकड़े जारी किए.
सियाम के अनुसार, मई में मोटरसाइकिल सेल्स 4.89 फीसदी गिरकर 11,62,373 रह गई, जो पिछले साल इसी महीने 12,22,164 थी. कुल टूव्हीलर्स सेल्स की बात करें तो मई में यह 6.73 फीसदी गिरकर 17,26,206 रह गया, जो एक साल पहले इसी महीने 18,50,698 यूनिट था.
सियाम के अनुसार, मई महीने में कॉमर्शियल व्हीकल्स की सेल्स भी 10.02 फीसदी गिरकर 68,847 यूनिट रह गई. सभी कैटेगरी के व्हीकल सेल्स की बात करें तो इसमें 8.62 फीसदी की गिरावट आई और यह 20,86,358 यूनिट रह गया. मई 2018 में यह आंकड़ा 22,83,262 था.