भारत अब हमें और बेवक़ूफ़ नहीं बना सकता: डोनाल्ड ट्रंप
नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि भारत ने भले ही अमेरिकन मोटरसाइकिलों पर आयात टैरिफ 100 से 50 फीसदी कर दिया हो लेकिन यह अब भी ज्यादा और अस्वीकार्य है. ट्रंप ने कहा कि उनकी अगुवाई में अमेरिका को अब और 'बेवकूफ' नहीं बनाया जा सकता है. ट्रंप ने कहा कि 'हम बेवकूफ देश नहीं है जिसे बुरी तरह बनाया गया है. आप भारत को देखो जो हमारा अच्छा दोस्त है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आप देखिए आपने क्या किया, मोटरसाइकिल पर 100 फीसदी टैक्स. हमने उनसे कोई चार्ज नहीं लिया'. आपको बता दें कि ट्रंप ने यह बात सोमवार को सीबीएस न्यूज से इंटरव्यू में कही है. दरअसल ट्रंप भारत में अमेरिकन मोटरसाइकिल हार्ले डिविडसन पर लगाए जा रहे आयात शुल्क की ओर इशारा कर रहे थे. ट्रंप के लिए यह मुद्दा काफी अहम है और वह चाहते हैं कि भारत इस पर लगाए जा रहे सारा टैरिफ खत्म कर दे.
ट्रंप ने बताया कि जब हम यहां से मोटरसाइकिलें भेजते हैं तो 100 फीसदी टैक्स लगता है लेकिन जब वह अपने देश यहां मोटरसाइकिलें भेजते हैं तो हम कोई भी टैक्स नहीं लगाते हैं. ट्रंप ने कहा उन्होंने पीएम मोदी से इस मुद्दे पर बात की है और कहा कि यह एकदम अस्वीकार्य है. ट्रंप ने बताया कि पीएम मोदी ने एक फोन कॉल पर टैक्स 50 फीसदी कर दिया है. लेकिन अब भी यह ज्यादा है और इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है. ट्रंप ने कहा कि दोनों देश इस मुद्दे को सुलझाने पर काम कर रहे हैं. एक सवाल के जवाब में अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि हम ऐसे बैंक बन गए हैं जिसे हर कोई लूटने पर आमादा है, और वे इसे काफी लंबे समय से कर रहे हैं. हमारा व्यापार घाटा 800 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है. आप बताइए ऐसे समझौते किसने किए.
आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिली जीत के बाद अमेरिका को उम्मीद है कि अपने दूसरे कार्यकाल में आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए उनके पास ज्यादा स्वतंत्रता होगी. इससे एक कारोबार अनुकुल माहौल बनाने में मदद मिलेगे. व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी का यह बयान ऐसे समय आया जब शुक्रवार को मीडिया में यह खबर छाई रही कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का अगला निशाना भारत हो सकता है. इसमें भारत के खिलाफ सेक्शन-301 जांच शुरू किया जाना शामिल है.
अधिकारी ने कहा, ‘‘ बड़ी चिंता ई-वाणिज्य पर भारत सरकार द्वारा हाल में लगाए गए प्रतिबंध और डाटा का स्थानीयकरण करने के नियम है. इससे अमेरिकी कंपनियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है. साथ ही निवेश माहौल पर भी असर पड़ा है.''
उन्होंने कहा कि अमेरिका को उम्मीद है कि चुनाव निपट गए हैं और प्रधानमंत्री मोदी के पास कड़े आर्थिक सुधार लाने के लिए अब अधिक स्वतंत्रता होगी. यह नए विदेशी निवेश को आकर्षिक करेगा और कारोबार अनुकूल माहौल बनाने में मदद करेगा. उल्लेखनीय है कि जापान के ओसाका में जी-20 समूह की बैठक के दौरान इस माह के अंत में मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात होना तय है