ग्राम पंचायतों को विकास की धुरी बनाया जाए: CM योगी
मुख्यमंत्री के समक्ष पंचायतीराज विभाग का प्रस्तुतिकरण
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ग्राम पंचायतों को विकास की धुरी बनाया जाए, ताकि गांवों में सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करायी जा सकें। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी गांवों में अपना एक सचिवालय हो, ताकि गांवों से सम्बन्धित विभिन्न गतिविधियों जैसे-आय प्रमाण-पत्र, जाति प्रमाण-पत्र इत्यादि का प्रभावी निस्तारण ग्राम स्तर पर ही किया जा सके। ग्रामीणों की समस्याओं के समाधान के लिए ग्राम, क्षेत्र तथा जिला पंचायत की जिम्मेदारी तय की जाए। पंचायत भवनों को ही ग्राम सचिवालय के रूप में विकसित किया जाए। उन्होंने ग्राम विकास के उद्देश्य से तैनात किए गए सभी कर्मियों के सही उपयोग के निर्देश देते हुए कहा कि यदि सभी कर्मी अपने-अपने दायित्वों का सही निर्वहन करेंगे तो गांवों के विकास में तेजी आएगी और समय के साथ इनका पूरा विकास किया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री ने यह विचार आज यहां अपने सरकारी आवास पर पंचायतीराज विभाग द्वारा संचालित योजनाओं एवं अभिनव कार्यों पर दिए गए प्रस्तुतिकरण का अवलोकन करने के दौरान व्यक्त किए। उन्होंने गांवों की साफ-सफाई पर विशेष बल देते हुए निर्देश दिए कि गांवों में घरों से निकलने वाले कूड़े तथा अन्य अपशिष्ट को गांव से दूर एक गड्ढे में इकट्ठा कर इसकी कम्पोस्ट खाद बनाकर उसका उपयोग किया जाए। उन्होंने प्रत्येक गांव में अनिवार्य रूप से बनाए जाने वाले खाद के गड्ढे का भी प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गांवों से निकलने वाले गंदे पानी को दूर गड्ढा बनाकर उसमें गिराया जाए। इसे गांवों में मौजूद कुओं/तालाबों में न गिराया जाए, अन्यथा पीने वाला पानी दूषित होकर स्वास्थ्य के लिए एक समस्या बनेगा। उन्होंने प्लास्टिक के उपयोग पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गांवों में तैनात स्वच्छता कर्मियों से ग्रामों की सफाई करवायी जाए और उनकी बायोमीट्रिक हाजिरी सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण विकास के लिए कराए जाने वाले कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए। इनकी लगातार माॅनीटरिंग की जाए। उन्होंने रोजगार सेवकों का सदुपयोग करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने पंचायतीराज विभाग के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर आवश्यक भर्तियों के सम्बन्ध में निर्देश दिए कि जब भी भर्तियां की जाएं तो उनमें पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने विकास कार्यों के लिए ग्राम पंचायतों को उपलब्ध करायी जा रही धनराशि में अनियमितता के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लम्बित मामलों में चल रही सतर्कता जांचों को तेजी से पूरा किया जाए और दोषियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने यह भी निर्देश दिए कि ग्राम पंचायतों की आय के स्रोतों में कैसे वृद्धि की जाए, इस पर गम्भीर प्रयास किए जाएं। उन्होंने ग्राम पंचायतों को उपलब्ध करायी जा रही धनराशि को खर्च करने के सम्बन्ध में गाइड लाइन्स बनाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने किसी भी प्रस्तावित योजना की मेरिट के आधार पर ही धनराशि आवंटित करने के निर्देश दिए।
प्रस्तुतिकरण के दौरान प्रमुख सचिव पंचायतीराज अनुराग श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री को विभाग द्वारा संचालित प्रमुख योजनाओं एवं कार्यक्रमों के विषय में विस्तार से जानकारी उपलब्ध करायी। उन्होंने मुख्यमंत्री जी को स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के लक्ष्य के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि बेसलाइन सर्वे 2012 के अनुरूप प्रदेश की समस्त ग्राम पंचायतों को ओ0डी0एफ0 घोषित किया जा चुका है। उन्होंने राज्य वित्त आयोग और केन्द्रीय वित्त आयोग से ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों तथा जिला पंचायतों को हस्तांतरित की जाने वाली धनराशि के विषय में भी मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया।
प्रमुख सचिव पंचायतीराज ने पी0एफ0एम0एस0 पर प्रदेश की समस्त ग्राम पंचायतों के रजिस्ट्रेशन तथा धनराशि को सीधे ग्राम पंचायतों के खाते में हस्तांतरण के विषय में भी जानकारी दी। उन्होंने राज्य वित्त एवं केन्द्रीय वित्त की धनराशि के व्यय हेतु नवीन प्राथमिकताओं के निर्धारण, आॅपरेशन ‘कायाकल्प’ के अन्तर्गत 14वें वित्त आयोग की धनराशि से किए गए कार्यों, ग्रामीण क्षेत्रों में गौशाला विकास, अन्त्येष्टि स्थलों के विकास, बहुउद्देश्शीय पंचायत भवनों के विकास, हैण्डपम्प रीबोर, राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान की प्रगति, ई पंचायत-पी0ई0एस0 एप्लीकेशन, पंचायतीराज विभाग में ग्राम पंचायत स्तर पर मानव संसाधन की स्थिति, पंचायतों के सुदृढ़ीकरण हेतु रोड मैप, परफाॅर्मेन्स ग्रांट, पं0 दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार योजना एवं नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार, मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन पुरस्कार योजना, जियो टैगिंग, पंचायत प्रतिनिधियों/कर्मियों की क्षमता का (प्रिट द्वारा) विकास के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी।