केरल ने पीएम मोदी ने वोट न देने का मारा ताना
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल के त्रिशूर में गुरुवायुर मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद शनिवार को बीजेपी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भले ही उडुपी हो, गुरुवायुर या द्वारकाधीश, उनका इनसे भावनात्मक जुड़ाव है।
पीएम मोदी ने कहा, 'केरल ने भले ही बीजेपी के लिए वोट नहीं किया लेकिन यह उनके लिए वाराणसी के जैसे ही अपना है। चुनाव और लोकतांत्रिक अभ्यास दो अलग-अलग चीजें हैं जिसका सम्मान किया जाना चाहिए।'
प्रधानमंत्री मोदी ने बीजेपी कार्यकर्ताओं की तारीफ करते हुए कहा, 'बीजेपी कार्यकर्ता केवल चुनावी राजनीति के लिए मैदान में नहीं हैं बल्कि 365 दिन लोगों की सेवा करते रहे हैं। हम केवल यहां सरकार बनाने नहीं आये हैं बल्कि हम यहां देश का निर्माण करने आये हैं। हम इस तपस्या के लिए आये हैं कि भारत को दुनिया में सही मुकाम हासिल करते देख सकें।'
पीएम मोदी ने कहा, 'कुछ पंडित सोचते हैं कि बीजेपी ने केरल में अपना खाता नहीं खोला पर मोदी वहां लोगों को धन्यवाद देने जा रहा है। उसके मन में क्या है? लेकिन यही हमारी संस्कृति है, हमारी सोच है।'
पीएम ने साथ ही कहा, 'हमारा मानना है कि चुनाव का अपना महत्व है लेकिन चुनाव से आगे 130 करोड़ लोगों के प्रति हमारी जिम्मेदारी है। जिन्होंने हमें जीत दिलाई, वे भी हमारे हैं और जिन्होंने इसमें भूमिका नहीं निभाई, वे भी हमारे हैं। केरल उतना ही हमारा है जितना बनारस।'
प्रधानमंत्री मोदी ने साथ ही निपाह वायरस की समस्या से निपटने के लिए हर जरूर प्रकार की सुविधा केरल को देने का वादा किया। साथ ही पीएम मोदी ने राज्य में मौजूदा एलडीएफ सरकार के केंद्र के आयुष्मान भारत योजना में शामिल नहीं होने का भी हवाला दिया।
इससे पहले पीएम मोदी शनिवार सुबह मंदिर से जुड़े पारंपरिक परिधान में त्रिशूर के प्रसिद्ध गुरुवायुर मंदिर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कंधे पर शॉल ओढ़ रखी थी और दक्षिण भारत में पहने जाने वाले उजली धोती पहन रखी थी। पीएम मोदी ने मंदिर में जाने से पहले 112 किलो कमल के फूल भी खरीदे। साथ ही उन्होंने 39, 421 रुपये का डिजिटल पेमेंट किया।
पूजा के बाद पीएम मोदी को मंदिर की परंपरा के अनुसार कमल के फूलो से तोला गया। बता दें कि पीएम मोदी आज से दो दिन के मालदीव और श्रीलंका के दौरे पर रवाना हो रहे हैं। मोदी नौ जून को श्रीलंका की यात्रा पर जाएंगे। ईस्टर बम हमले के बाद हो रही इस यात्रा के जरिये मोदी श्रीलंका के साथ एकजुटता का संदेश देंगे।
वहीं, 2011 के बाद प्रधानमंत्री स्तर की यह पहली मालदीव यात्रा होगी और इस दौरान दोनों ही पक्षों का लक्ष्य विभिन्न क्षेत्रों में आपसी संबंधों को और मजबूत करना है।