मालदीव की संसद में बोले PM मोदी, आतंकवाद पर हो ग्लोबल कॉन्फ्रेंस
माले: नरेंद्र मोदी दोबारा प्रधानमंत्री निर्वाचित होने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा पर शनिवार को मालदीव पहुंचे. उनकी यह यात्रा भारत की ‘पड़ोसी पहले’ की नीति को दी जा रही महत्ता को दर्शाती है. यहां उन्होंने मालदीव की संसद को संबोधित किया. उन्होंने कहा, मालदीव हिंद महासागर का एक नगीना है. मालदीव की संसद मजलिस में उन्होंने कहा मालदीव मतलब हजारों द्वीपों की एक माला.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मालदीव की संसद मजलिस में कहा, लोकतंत्र की स्थापना की लड़ाई में भारत मालदीव के साथ हमेशा खड़ा रहेगा. मालदीव का लोकतंत्र दुनिया के लिए मिसाल है. यहां लोकतंत्र स्थापित होने की सबसे ज्यादा खुशी आपके दोस्त भारत को हुई. मालदीव भारत की प्राथमिकता है. प्रधानमंत्री ने कहा, हम एक ही गुलशन के फूल हैं. हमारी साझा विरासत है. यहां तक कि दोनों देशों के शब्दों में भी बहुत समानता है. मालदीव की कौड़ियां भारत के बच्चों में बहुत प्रसिद्ध हैं.
नेबरहुड फर्स्ट हमारी प्राथमिकता है. मालदीव के लिए भारत हमेशा अग्रणी सहयोगी बना रहेगा. मालदीव के साथ भारत हर कदम और हर घड़ी में साथ खड़ा रहेगा. भारत दोनों देशों के बीच संबंधों को महत्व देता है.
पीएम मोदी ने कहा, तीन चुनौतियां दाेनों देशों के लिए बहुत बड़ी हैं. आतंकवाद पहली है. आतंकवाद एक देश या क्षेत्र के लिए खतरा नहीं है. यह पूरी मानवता के लिए खतरा है. यह हर दिन अपना भयानक रूप दिखाकर निर्दोष की जान लेता है. उनके पास टकसाल नहीं होती, लेकिन उन्हें किसी चीज की कमी नहीं होती. उन्हें कौन देता है ये सुविधाएं. लोग अभी गुड और बैड टेरेरिज्म में फंसे हैं. पानी अब सिर से ऊपर निकल रहा है. हमारा एकजुट रहना जरूरी है. जिस प्रकार दुनिया पर्यावरण के खतरे पर बात कर रही है, वैसे आतंकवाद पर क्यों चिंता नहीं हो रही. आतंकवाद पर एक ग्लोबल कॉन्फ्रेंस आयोजित करें. पीएम मोदी ने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को घेरा.
पर्यावरण हमारे लिए दूसरी सबसे बड़ी चिंता है. मालदीव के लिए तो ये और जरूरी मुद्दा है. आपने समुद्र की गहराई में कैबिनेट बैठक कर पूरी दुनिया का ध्यान खींचा था. आज जब ग्लेशियर पिघल रहे हैं. नदियां सूख रही हैं. पर्यावरण बदल रहा है. ऐसे में हमें पर्यावरण की चिंताओं को समझना होगा.
हिंद महासागर में दुनिया की 50 फीसदी जनता निवास करती है. लेकिन इस क्षेत्र में कई अनुत्तरित सवाल हैं. ऐसे में हमें यहां पारस्परिक सहयोग बढ़ाना होगा. पीएम मोदी ने कहा, चार साल पहले SAGAR सागर शब्द को रेखांकित किया. इसका अर्थ है, सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल रीजन. प्रधानमंत्री ने कहा, प्रथ्वी के हम मालिक नहीं हैं, ट्रस्टी हैं. इसलिए हमें इसकी चिंता करनी होगी.
मोदी का माले हवाईअड्डे पर विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने स्वागत किया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने टि्वटर पर कहा, ‘‘चिरकालीन दोस्ती. प्रधानमंत्री नरेंद्र मादी मालदीव की राजधानी माले पहुंचे जहां विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। प्रधानमंत्री पिछली बार यहां नवंबर 2018 में राष्ट्रपति (इब्राहिम मोहम्मद) सोलेह के शपथ ग्रहण समारोह में आए थे।’’
हालांकि, मोदी राष्ट्रपति इब्राहिम सोलेह के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए नवंबर में मालदीव आए थे लेकिन यह यात्रा आठ वर्षों में द्विपक्षीय स्तर पर किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा है. इस दो दिवसीय यात्रा का मकसद हिंद महासागर द्वीपसमूह के साथ संबंधों को और मजबूती प्रदान करना है. प्रधानमंत्री के रिपब्लिक स्क्वेयर पर आगमन पर राष्ट्रपति सोलेह और मोदी ने एक-दूसरे का अभिवादन किया। वहां पहुंचने पर मोदी का आधिकारिक स्वागत किया गया. प्रधानमंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया.
विदेश मंत्री शाहिद ने ट्वीट किया कि मोदी की पहली विदेश यात्रा पर वेलाना अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर उनका स्वागत करना बड़े सम्मान की बात रही. उन्होंने कहा, ‘‘इसमें कोई शक नहीं कि यह यादगार यात्रा होगी जिससे मालदीव-भारत संबंध नयी ऊंचाई हासिल करेंगे.’
प्रधानमंत्री मोदी को मालदीव द्वारा अपने सर्वोच्च सम्मान ‘‘रूल ऑफ निशान इज्जुद्दीन’’ से सम्मानित किया जाएगा. विदेश मंत्री शाहिद ने मोदी की यात्रा के मद्देनजर टि्वटर पर कहा कि ‘रूल ऑफ निशान इज्जुद्दीन’ मालदीव का सर्वोच्च सम्मान है जिसे विदेशी हस्तियों को दिया जाता है. प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को कहा था कि मालदीव की उनकी यात्रा भारत द्वारा अपनी ‘पड़ोसी पहले’ नीति को दी जा रही महत्ता को दर्शाती है.
मोदी ने कहा कि भारत, मालदीव को अहम साझेदार मानता है जिसके साथ उसके प्रगाढ़ ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध हैं. यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मालदीव की संसद मजलिस को संबोधित करेंगे जो पड़ोसी देश में भारत की महत्वपूर्ण स्थिति को दर्शाता है. उनके उच्च स्तर पर संबंधों को मजबूत करने के लिए मालदीव के शीर्ष नेतृत्व से भी मुलाकात करने की संभावना है.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मालदीव को उसके विकास में मदद करने और उसकी अर्थव्यवस्था को फिर से खड़ा करने के लिए विकास परियोजनाओं के लिए बजटीय समर्थन, जल आपूर्ति और सीवरेज जैसी परियोजनाओं के लिए ऋण सुविधा देने, सामुदायिक विकास परियोजनाएं समेत कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद है.