लापता विमान की जानकारी देने के लिए 5 लाख रुपये के पुरस्कार की घोषणा
ईटानगर: भारतीय वायु सेना के लापता एएन-32 विमान की खोज में लगी विभिन्न एजेंसियों के ठोस प्रयासों के बावजूद अब तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी है। खराब मौसम के बीच शनिवार को छठे दिन भी खोज अभियान लगातार जारी रहा, विमान में 13 लोग सवार थे। वहीं एयर मार्शल आरडी माथुर, एओसी-इन-सी, पूर्वी वायु कमान, ने उस व्यक्ति (समूह) या समूह को 5 लाख रुपये का नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है जो इस विमान की खोज के बारे में विश्वसनीय जानकारी देगा।
वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने शनिवार को जोरहाट का दौरा किया। वायुसेना के अधिकारियों ने बताया कि धनोआ को अभियान के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई और स्थिति से अवगत कराया गया। इसके बाद उन्होंने उन अधिकारियों और वायु सेना के कर्मियों के परिजनों से मुलाकात की, जो भारतीय वायुसेना के विमान में सवार थे।
इसके लिए नंबर भी जारी किए गए है, लोग निम्नलिखित नंबरों पर वायु सेना से संपर्क कर सकते हैं-
लैंडलाइन: 0378-3222164
मोबाइल: 9436499477/9402077267/9402132477
रूस निर्मित विमान ने अरुणाचल प्रदेश के शि-योमि जिले के मेचुका एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड के लिए सोमवार रात 12 बजकर 27 मिनट पर असम के जोरहाट से उड़ान भरी थी। जमीनी नियंत्रण कक्ष के साथ विमान का संपर्क दोपहर एक बजे टूट गया। विमान में चालक दल के आठ सदस्य और पांच यात्री सवार थे।
वायु सेना के प्रवक्ता विंग कमांडर रत्नाकर सिंह ने बताया कि खोज टीम इसरो के उपग्रहों सहित विभिन्न एजेंसियों के उन्नत तकनीक और सेंसर के साथ विमान का पता लगाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, 'दुर्गम इलाके और घने जंगल से मिशन प्रभावित हो रहा है। दिन भर खराब मौसम और कम दृश्यता के कारण हवाई अभियानों को गंभीर चुनौती का सामना करना पड़ा है।'
उन्होंने कहा कि खराब मौसम के बावजूद वायु सेना, थल सेना और स्थानीय प्रशासनों का संयुक्त खोज अभियान जारी रहा। स्थानीय और जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ भारतीय सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस की टीमें सियांग जिले के आसपास के इलाकों की तलाश कर रही हैं।
सिंह ने कहा, 'भारतीय वायुसेना ने अभियान में और अधिक हेलीकॉप्टरों और मालवाहक विमानों को तैनात किया है और पिछले कुछ दिनों में खोज क्षेत्र का काफी विस्तार किया है। उन्होंने कहा, 'हवाई सेंसर और उपग्रहों से एकत्र किए गए डेटा और तस्वीरों का सुराग ढूंढ़ने के लिए बारीकी से विश्लेषण किया जा रहा है।'