अलीगढ़: चंद पैसों के लिए हुई थी ढाई साल की बच्ची की बर्बर हत्या
नई दिल्ली: अलीगढ़ में निर्ममता से की गई ढाई साल की मासूम की हत्या का मामला सामने आने के बाद से देशभर में आक्रोश और गम का माहौल है। ढाई साल की मासूम बच्ची 31 मई को अपने घर के बाहर से गायब हो गई। 2 जून को उसकी क्षत-विक्षत लाश कूड़े के ढेर में मिली। इस मामले में गिरफ्तार दो आरोपियों को पुलिस जेल भेज चुकी है। आरोपियों पर रासुका के तहत मुकदमा चलेगा।
जैसे-जैसे ये खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी सहित बॉलीवुड की कई हस्तियों ने भी इस घटना पर ट्वीट कर अपना दुख और गुस्सा जाहिर किया है। इस मामले में एक इंस्पेक्टर, एक सिपाही और तीन दरोगा को निलंबित किया गया है।
मामला अलीगढ़ के टप्पल इलाके का है, जहां बच्ची चार दिन से गायब थी। बच्ची के पिता मिस्त्री का काम करते हैं। ढाई साल की बच्ची 30 मई को उस वक्त गायब हो गई जब वो घर के बाहर खेल रही थी। उसके पिता और बाकी लोगों ने उसकी तलाश की और बच्ची जब कहीं नहीं मिली तो परिवार के लोग पुलिस के पास पहुंचे।
इस बीच 2 जून को उसकी लाश कूड़े के ढेर में मिली। वहां उसकी लाश को कुत्ते नोच रहे थे। बच्ची का सीधा हाथ जानवर खा चुके थे। वहां कूड़ा डालने पहुंचे किसी ने कूड़े के ढ़ेर में पड़ी बच्ची की लाश को देखा। जब ये जानकारी बच्ची के पिता को हुई तो वो भी वहां पहुंचे और अपनी बच्ची को पहचान लिया।
अलीगढ़ एसएसपी आकाश कुलहरि ने बताया कि आरोपी जाहिद और असलम का बच्ची के पिता से पैसों के लेनदेन को लेकर विवाद था। ये दोनों लोग मजदूर हैं और विवाद के बाद जाहिद ने बच्ची के पिता को धमकी भी दी थी। उन्होंने बताया कि पुलिस ने पूछताछ के लिए जाहिद को हिरासत में लिया था जहां उसने अपना जुर्म कुबूल कर लिया और बताया कि उसने अपने साथी असलम के साथ इस वारदात को अंजाम दिया था।
पूछताछ में दोनों ने बताया कि उनका बनवारी से रुपये के लेन-देन को लेकर झगड़ा हुआ था। बनवारी ने उनसे 10 हजार रुपये उधार लिए थे जो वह चुका नहीं पाए थे। ट्विटर पर इस घटना को लेकर तेजी से प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, 'अलीगढ़ में हुई नृशंस हत्या एक निर्दोष बच्ची के खिलाफ एक और अमानवीय और अवर्णनीय अपराध है। बच्ची के परिजनों को हो रहे दर्द के बारे में मैं सोच भी नहीं पा रही। हम क्या हो गए हैं?'