प्रज्ञा ठाकुर को कोर्ट की वार्निंग, अगली पेशी में हाज़िर नहीं हुई तो भुगतना होगा अंजाम
नई दिल्ली: प्रज्ञा सिंह ठाकुर को मालेगांव विस्फोट मामले में गुरुवार को मुंबई अदालत में पेश होना था, लेकिन वह पहुंच नहीं सकीं. इस हफ्ते यह दूसरा मौका था, जब वह कोर्ट में पहुंच नहीं सकी. उनके वकील प्रशांत मागू ने कोर्ट से कहा, वह हाई ब्लड प्रेशर से परेशान हैं और सफर नहीं कर सकतीं. हालांकि अदालत ने उन्हें एक दिन की मोहलत देते हुए कल पेश होने के लिए निर्देश दिया, अन्यथा परिणाम भुगतने के लिए तैयार होने को कहा.
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वहीं, प्रज्ञा ठाकुर की निकट सहयोगी उपमा ने बताया कि एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद वह उपचार के लिये अस्पताल लौट आयेंगी. उपमा ने कहा, ‘‘वह ठीक नहीं है. उन्हें उपचार के लिये कल रात अस्पताल में भर्ती किया गया था. वह पेट की बीमारी से पीड़ित है और उन्हें इंजेक्शन से दवाइयां दी गयीं. कार्यकर्ताओं के जोर के कारण उन्हें एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिये सुबह अस्पताल से जाने दिया गया लेकिन इसके बाद वह उपचार के लिये अस्पताल वापस आ जायेंगी क्योंकि उसकी तबीयत ठीक नहीं है.''
प्रज्ञा ने हाल ही में हुए लोकसभा के आमचुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह को भोपाल लोकसभा सीट पर पराजित किया. प्रज्ञा 2008 में हुए मालेगांव बम विस्फोट मामले में आरोपी है और फिलहाल जमानत पर हैं. मालूम हो कि इस सप्ताह अदालत में पेश होने से छूट देने का प्रज्ञा का आवेदन, सोमवार को एनआईए जज वीएस पडालकर ने खारिज कर दिया था. आवदेन में प्रज्ञा ने कहा था कि उन्हें संसद की औपचारिकताएं पूरी करनी हैं. अदालत ने इस पर कहा कि मामले में इस स्तर पर अदालत में उसकी उपस्थिति आवश्यक है. अदालत के निर्देशों का पालन करने के लिये प्रज्ञा के पास एक दिन शेष है.
मालेगांव मामले में सात आरोपियों के खिलाफ मामले पर सुनवाई कर रही अदालत ने इस साल मई में, सभी को सप्ताह में कम से कम एक बार अपने समक्ष पेश होने का आदेश दिया था. अदालत ने कहा था कि ठोस कारण बताए जाने पर ही पेश होने से छूट दी जाएगी