तीन तलाक पर, समान नागरिक संहिता पर सरकार फिर लाएगी बिल: रविशंकर
नई दिल्ली: कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को कहा कि फौरी तीन तलाक की प्रथा पर पाबंदी लगाने के लिए सरकार संसद में फिर से विधेयक लाएगी। पिछले महीने 16 वीं लोकसभा के भंग होने के साथ फौरी तीन तलाक पर पाबंदी लगाने वाले विधेयक की मियाद समाप्त हो गई। क्योंकि यह संसद में पारित नहीं हुआ और राज्यसभा में लंबित रह गया।
केंद्रीय कानून मंत्री के रूप में कामकाज संभालने के बाद रविशंकर प्रसाद से यह पूछे जाने पर कि क्या फौरी तीन तलाक पर विधेयक को फिर से लाया जाएगा। इस पर प्रसाद ने कहा, बिल्कुल। फौरी तीन तलाक का मुद्दा भाजपा के घोषणापत्र का हिस्सा है। समान नागरिक संहिता को लेकर एक सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर राजनीतिक विचार-विमर्श करेगी। वह इस मुद्दे पर विधि आयोग की रिपोर्ट पर भी गौर करेगी।
पिछले साल 31 मई को विधि आयोग ने मुद्दे पर संपूर्ण रिपोर्ट जारी करने की बजाए जारी परामर्श पत्र में कहा था कि इस समय समान नागरिक संहिता की ‘न तो जरूरत है और ना ही वांछित है’। आयोग ने विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता तथा महिलाओं और पुरुषों की विवाह योग्य आयु से संबंधित कानूनों में बदलाव के सुझाव दिए थे।
मालूम हो कि मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक में फौरी तीन तलाक (तलाक ए बिद्दत) की प्रथा को दंडनीय अपराध बनाया गया था। विपक्षी दलों ने इस विधेयक का विरोध किया था।