नई दिल्ली: बीजेपी की नवनिर्वाचित सांसद और मालेगांव ब्लास्ट की आरोपी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को सोमवार को झटका लगा। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) कोर्ट ने पेशी से छूट मांग वाली उनकी अर्जी खारिज कर दी है। इसके साथ ही प्रज्ञा को किसी तरह की सुविधा नहीं देते हुए सुनवाई पर पेश होने का आदेश दिया है।

संसदीय प्रक्रियाओं को पूरा करने का हवाला देते हुए प्रज्ञा ने तीन से सात जून तक अपनी पेशी से छूट देने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज करते हुए 2008 के ब्लॉस्ट केस में इस सप्ताह सुनवाई के दौरान उन्हें मौजूद रहने का निर्देश दिया।

इसके पहले कोर्ट 2008 मालेगांव विस्फोट मामले के आरोपियों प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित और सुधाकर चतुर्वेदी को अपने समक्ष पेशी से छूट दी थी। प्रज्ञा और चतुर्वेदी ने कहा था कि वे लोकसभा चुनाव के आगामी परिणाम की तैयारियों में व्यस्त हैं। चुनाव में दोनों उम्मीदवार हैं। पुरोहित ने निजी मुश्किलों का हवाला दिया था। इसके बाद कोर्ट ने उनकी याचिकाएं मंजूर कर ली थी। बता दें कि फिलहाल प्रज्ञा जमानत पर रिहा हैं।

कोर्ट ने पिछले साल अक्टूबर में सातों आरोपियों के खिलाफ आतंकी गतिविधियों, आपराधिक षड्यंत्र और हत्या एवं अन्य के लिए मामले में आरोप तय किए थे। आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून की धाराओं के तहत सुनवाई चल रही है।

आरोपियों के खिलाफ विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत भी आरोप लगाए गए हैं। उल्लेखनीय है कि मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को एक मस्जिद के निकट हुए विस्फोट में छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे।