मोहम्मदी मिशन ने किया रोज़ा इफ्तार का आयोजन
लखनऊ: आल इण्डिया मोहम्मदी मिशन के जे़रे एहतमाम बालागंज लखनऊ में इफतार का एहतमाम किया गया जिसमें कसीर तादाद में लोग शा मिल हुए। इस मौके पर गाज़िए मिल्लत हज़रत मौलाना सैयद मोहम्मद हाश्मी मियाॅ किछौछवी ने कहा कि रमज़ानुल मुबारक के महीने में अगर मुस्लमान की ज़कात गरीब तक पहुच जाए तो हर मुस्लमान आज साहिबे निसाब हो जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि 4 किताबे दुनिया में नाज़िल हुई तौरेत, जुबुर, इनजील और क़ुरआन लेकिन क़ुरआन के अलावा सभी किताबों में तैहरिफ हो गई सिवाए क़ुरआन के क्योकि नबी-ए-करीम सल्लल्लाहो एलेहे वसल्लम ने फरमाया ए लोगों में तुम्हारे बीच दो भारी चीजे छो़ड़े जा रहा हुॅ एक र्कुआन और दूसरा एहले बैत, इनको मज़बुती के साथ पकड़े रहो तुम हरगिज़ हरगिज गुमराह नही होगे। क़ुरआन और एहले बैत का ऐसा साथ है जो कयामत तक रहेगा। ना तो कोई क़ुरआन को मिटा सकता न नबी की आॅल को मिटा सकता। जबतक फतिमा ज़हरा का खानदान रहेगा तक तक भारत में मुस्लमान रहेगा। उन्होंने कहा कि सहाबा का मरतबा भी कुछ कम नही है उनको हलके में न लेना क्योकि सहाबा नबी की सोहबत और निगाहे नबी से बनता है मोमिनों के लिए सहाबा और एहले बैत की ज़ाति पाक जाने इमा है।