रोज़े का यह मक़सद है कि तुम मुत्तक़ी बन जाओ: डाॅ0 मलिक
लखनऊः जमाअ़त-ए-इस्लामी हिन्द यू.पी. (पूरब) की ओर से दफ्तर-ए-हलक़ा में इज्तिमाई इफ्तार का आयोजन किया गया। मग़रिब की नमाज़ के बाद प्रांतीय अध्यक्ष डाॅ0 मलिक मुहम्मद फैसल फ़लाही साहब ने रोज़ेदारों को सम्बोधित भी किया।
डाॅ0 मलिक मुहम्मद फैसल फ़लाही ने कहा कि जिस धर्म से हमारा और आपका सम्बन्ध है उसमें नमाज़, रोज़ा, ज़कात, हज यह इबादतें हैं और इन इबादतों का जो मक़सद बताया गया है उनमें ख़ासतौर से रोज़े का जो मक़सद है वह यह कि तुम मुत्तक़ी बन जाओ, तुम्हारे अन्दर तक़वा पैदा हो जाए। इस्लाम वह धर्म है जो अद्ल व इन्साफ की बात करता है। इस्लाम ने अपने यहाँ ज़कात का एक ऐसा सिस्टम बना रखा है, जिससे उम्मत का एक एक व्यक्ति ग़रीबी से नजात हासिल कर सकता है, शर्त यह है कि ज़कात का इज्तिमाई नज़्म हो और उसे पूरे एहतमाम के साथ ज़रूरतमंदों तक पहुंचाया जाए।
डाॅ0 मलिक मुहम्मद फैसल मज़ीद कहा कि हमारे मुल्क की जो दशा है वह हमारे सामने है, जिन लोगों ने मेहनत की उसका परिणाम हमारे सामने है। हम और आप जानते हैं कि क़यामत तक अब कोई नबी आने वाला नहीं है, ख़ुदा के दीन को लोगों तक पहुंचाने की ज़िम्मेदारी हम और आप पर है।
इस मौक़े पर सिकरेट्री हलक़ा शाहिद अली, मुहम्मद ख़ालिद, ज़ुबैर मलिक फ़लाही, डाॅ0 अयाज़ अहमद इस्लाही, एस.आई.ओ. यू.पी. सेन्ट्रल के प्रान्तीय अध्यक्ष मुहम्मद राशिद फलाही, एडवोकेट नजमुस्साक़िब फलाही, आसिफ़ अकरम ख़ाँ शरीक थे।