नई दिल्ली: आम तौर पर पार्टी की हर सफलता के संकेत मिलते ही पार्टी प्रवक्ता और तमाम नेता मीडिया के सामने आ कर नरेन्द्र मोदी को क्रेडिट देने में समय नहीं लगाते हैं लेकिन एग्जिट पोल में इतने प्रचंड बहुमत के मिल रहे इशारे के बीच भी सन्नाटे की चादर ओढ़े रहना कुछ और कहानी बयां कर रहा है.

बीते दिन दिल्ली के अशोका होटल में एनडीए नेताओं को रात्रिभोज पर बुलाना दरअसल बीजेपी के आंतरिक सर्वे का निमत्रण था. ऐसी ख़बरें हैं कि बीजेपी को खुद के आंतरिक सर्वे में एनडीए को 258 सीटें मिलने की बात सामने आई है.

272 के जादूई आंकड़ें तक पहुंचने के लिए बीजेपी को दो-तीन सहयोगियों की जरूरत पड़ सकती है. नवीन पटनायक की पार्टी ने पहले ही केंद्र में बीजेपी के साथ जाने के संकेत दे दिए हैं. दक्षिण से जगनमोहन रेड्डी और चंद्रशेखर राव के भी जुड़ने की संभावनाएं हैं.

बीजेपी का आंतरिक सर्वे किसी भी न्यूज़ चैनल के सर्वे से ज़्यादा ऑथेंटिक होगा क्योंकि इसमें करोड़ों कार्यकर्ताओं का फीडबैक शामिल है. बीजेपी एक यथार्थवादी पार्टी है और इसकी सबसे बड़ी ताकत संगठन का फीडबैक सिस्टम है.