सोनिया की बैठक से पहले मायावती के घर जाकर मिले अखिलेश
लखनऊ: एग्जिट पोल के नतीजे आने बाद विपक्षियों के एकजुट होने की कवायद तेज हो गई है। आज राजधानी लखनऊ में सपा प्रमुख अखिलेश यादव बसपा सुप्रीमो मायावती के घर पर मुलाकात की। सूत्रों ने बताया कि एग्जिट पोल के बाद नतीजों तक क्या करेंगे दोनों दल इस पर चर्चा की। इसके साथ ही दिल्ली में सोनिया द्वारा बुलाई गई बैठक पर भी मंत्रणा हुई।
दरअसल अगली सरकार के गठन के मकसद से गठबंधन बनाने की कवायद में नई दिल्ली में विपक्ष के नेताओं से मिलने के बाद तेदेपा अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने भी शनिवार शाम लखनऊ में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती से मुलाकात की। इससे पहले उन्होंने समाजवादी पार्टी के दफ्तर में सपा प्रमुख अखिलेश यादव से भी मुलाकात की। नायडू लखनऊ एअरपोर्ट से सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मिलने उनके पार्टी ऑफिस पहुंचे थे।
आपको बता दें कि एग्जिट पोल के हिसाब से यूपी में भाजपा अब सपा- बसपा- रालोद गठबंधन भारी पड़ती दिख रही है। छह सर्वे के हिसाब से देखें तो बीजेपी को औसतन 53 सीटें व गठबंधन को 25 सीटें मिलती दिख रही हैं। कांग्रेस को 2 सीटें मिलती दिख रही हैं। सर्वे में भाजपा पांच में आगे है। 2014 में भाजपा गठबंधन को उत्तर प्रदेश से 73 सीटें मिली थीं। समाजवादी पार्टी (सपा) के खाते में पांच सीटें आई थीं। जबकि बसपा का खाता भी नहीं खुल पाया था। लेकिन 2018 में हुए उपचुनाव में फूलपुर, गोरखपुर, और कैराना में गठबंधन ने भाजपा को जबरदस्त झटका दिया था। जबकि गोरखपुर भाजपा का गढ़ था। इसके बाद 2019 के चुनाव में सपा और बसपा ने गठबंधन करके चुनाव लड़ा है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष महेंदनाथ पाण्डेय ने कहा, “हम सबको पहले ही विश्वास था कि देश की जनता मोदी जी और राजग को राष्ट्र को और आगे बढ़ाने के लिए भारी बहुमत देगी। ये सवेर् उसी को परिभाषित कर रहे हैं। लेकिन हमारा मनाना है कि उप्र में हमारा नारा 73 प्लस का सार्थक होगा।”
कांग्रेस के प्रवक्ता आशोक सिंह ने कहा, “मीडिया ने तो चुनाव के पहले ही भाजपा की सरकार बनवा दी थी। इसीलिए अभी रुझानों पर ज्यादा कुछ कहना ठीक नहीं है। 23 मई को आने वाले परिणामों में हम डबल डिजिट में प्रदेश में होंगे। देश में एक बार कांग्रेस की सरकार बनेगी। सवेर् इसी प्रकार राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में आए थे। बाद में सब फुस्स कारतूस हो गए। इसीलिए इन पर ज्यादा भरोसा न करके 23 मई का इंतजार करना ठीक है।”
समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा, “जो सच्चाई है वह 23 मई को जनता के सामने आएगी। अभी से इन रुझानों पर क्या कहना है। पूरे प्रदेश में जनता ने महागठबंधन के पक्ष में वोट दिया है। भाजपा की हालत पतली है। 23 मई के परिणाम चौंकाने वाले होंगे।”
गौरतलब है कि टाइम्स नाउ-वीएमआर के मुताबिक, भाजपा को उप्र में 80 में से 58 सीटें मिल सकती हैं। सपा-बसपा गठबंधन को 20 सीटें मिल सकती हैं। कांग्रेस को महज दो सीटें मिलती दिख रही हैं। न्यूज 18 ने 60 से 62 सीटें राजग को तथा 16 से 17 सीटें सपा-बसपा गठबंधन को तथा एक से दो सीट कांगेस को दी है।
वहीं इंडिया टुडे एक्सिस ने राजग को 62 से 68 सीटें, सपा-बसपा गठबंधन को 10-16 सीटें और कांग्रेस को एक-दो सीटें मिलने का अनुमान लगाया है। एबीपी न्यूज-नील्सन के अनुसार उप्र में भाजपा को भारी नुकसान हो रहा है। गठबंधन को 56 और कांग्रेस को दो सीटें मिल सकती हैं।
एबीपी के सर्वे के अनुसार, अवध क्षेत्र की 23 सीटों में भाजपा गठबंधन को सात सीटें, सपा-बसपा गठबंधन को 14 सीटें तथा कांग्रेस को दो सीटें मिल रही हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 27 सीटों में से भाजपा गठबंधन को छह, सपा-बसपा को 21 तथा कांग्रेस को दो सीटें मिल रही हैं। बुंदेलखंड की चार सीटों में भाजपा गठबंधन को एक तथा सपा-बसपा गठबंधन को तीन सीटें मिल रही हैं। वहीं पूवार्ंचल की 26 सीटों में भाजपा गठबंधन को आठ, सपा-बसपा व रालोद को 18 सीटें तथा कांग्रेस को शून्य सीटें मिल रही हैं।