एग्जिट पोल के बाद योगी कैबिनेट से बर्खास्त हुए ओपी राजभर
लखनऊ: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कैबिनट मंत्री ओम प्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल से सिफारिश की थी। जिसके बाद सीएम योगी की सिफारिशों को राज्यपाल राम नाइक ने स्वीकार कर लिया है और ओम प्रकाश राजभर को बर्खास्त कर दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ओम प्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की राज्यपाल से सिफारिश की थी। सीएम ऑफिस का कहना था यूपी कैबिनेट से राजभर को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करने करने के लिए राज्यपाल से अनुरोध किया।
सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा उन्हें कैबिनेट से बर्खास्त करने की सिफारिश के बाद ओपी राजभर ने कहा है कि हम उनके फैसले का स्वागत करते हैं। सीएम ने बहुत अच्छा फैसला लिया है। उन्होंने सामाजिक न्याय समिति का गठन किया और उकी रिपोर्ट को एक कूड़ेदान में फेंक दिया, उनके पास इसे लागू करने के लिए समय नहीं था। मैंने उनसे सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट को जल्द से जल्द लागू करने का अनुरोध करता हूं।
आपको बता दें कि बीते दिन बीजेपी के नेताओं को गाली देने के आरोप में ओम प्रकाश राजभर पर मुकदमा दर्ज किया गया था। ओपी राजभर पर बीजेपी कार्यकर्ता अनूप सिंह चंदन ने गाजीपुर जिले में केस दर्ज करवाया था। ओम प्रकाश राजभर ने एक चुनावी सभा में पार्टी कार्यकर्ताओं से बीजेपी नेताओं को जूते से मारने के लिए कहा था।
लोकसभा चुनाव 2019 के पहले सुभासपा ने बीजेपी को झटका देते हुए अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। बीजेपी के साथ मतभेदों के बाद राजभर ने अप्रैल में यूपी कैबिनेट से अपना इस्तीफा दे दिया था। बीजेपी के साथ गठबंधन की बातचीत के बाद अपने उम्मीदवारों को अलग से मैदान में उतारने का फैसला किया था।