नई दिल्ली: नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी ने नाथूराम गोडसे को ''देशभक्त'' बताने वाली साध्वी प्रज्ञा सिंह के बयान की आलोचना करते हुए शनिवार को कहा कि प्रज्ञा ने महात्मा गांधी की आत्मा की हत्या की है और भाजपा को उन्हें पार्टी से तत्काल बाहर निकलकर राजधर्म निभाना चाहिए।

सत्यार्थी ने ट्वीट किया, ''गोडसे ने गांधी के शरीर की हत्या की थी, परंतु प्रज्ञा जैसे लोग उनकी आत्मा की हत्या के साथ, अहिंसा,शांति, सहिष्णुता और भारत की आत्मा की हत्या कर रहे हैं।'' उन्होंने कहा, ''गांधी हर सत्ता और राजनीति से ऊपर हैं। भाजपा नेतृत्व छोटे से फ़ायदे का मोह छोड़ कर उन्हें तत्काल पार्टी से निकाल कर राजधर्म निभाए।''

गौरतलब है कि देवास लोकसभा सीट पर 19 मई को होने वाले चुनाव के लिए पार्टी प्रत्याशी महेन्द्र सोलंकी के समर्थन में आगर मालवा में रोड शो कर रही प्रज्ञा ने बृहस्पतिवार (16 मई) को एक सवाल के जवाब में स्थानीय न्यूज चैनल से कहा था, ''नाथूराम गोडसे देशभक्त थे, हैं और रहेंगे। गोडसे को आतंकी बोलने वाले खुद के गिरेबान में झांक कर देखें। अबकी बार चुनाव में ऐसा बोलने वालों को जवाब दे दिया जाएगा।"

पत्रकार ने प्रज्ञा से सवाल किया था कुछ दिन पहले कमल हासन ने गोडसे को देश का पहला हिन्दू आतंकवादी कहा था, इस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है। हालांकि इस बयान पर किरकिरी होने के बाद प्रज्ञा ने इस पर माफी मांग ली।

मध्यप्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष विजेश लुनावत ने गुरुवार रात एक वीडियो जारी किया जिसमें प्रज्ञा कह रही है, ''यह मेरा निजी बयान था। मैं रोड शो कर रही थी। इस दौरान मुझे भगवा आतंक के बारे में प्रश्न पूछा गया। यह मेरा त्वरित जवाब था क्योंकि मैं रास्ते में थी। मैं किसी की भावना को ठेस नहीं पहुंचाना चाहती थी। मेरे बयान से अगर किसी की भावना को ठेस पहुंची है तो मैं माफी मांगती हूं।"

वीडियो में उन्होंने कहा, 'मैं गांधी जी का बहुत सम्मान करती हूं। गांधी जी ने जो देश के लिए किया है उसे भुलाया नहीं जा सकता है। मैंने टीवी नहीं देखी है, लेकिन जो पार्टी की लाइन है, भाजपा का निष्ठावान कार्यकर्ता होने के नाते मेरी भी वही लाइन है। मैं इस बयान के लिए माफी मांगती हूं।''