मोदी और आरएसएस से भी सीखता हूँ मैं : राहुल
पत्रकार रविश कुमार के सवालों का कांग्रेस अध्यक्ष ने बेबाकी से दिया जवाब
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एकबार फिर टीवी इंटरव्यू दिया। समाचार चैनल एनडीटीवी इंडिया के पत्रकार रवीश कुमार को दिए इंटरव्यू में राहुल गांधी ने कई मुद्दों पर बात करने के अलावा यह भी कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से भी सीखते हैं। उन्होंने कहा कि वह बसपा सुप्रीमो मायावती से भी सीखते हैं और उन्हें प्यार करते हैं।
जब उनसे पूछा गया कि वह पीएम मोदी से क्या सीखते है? इस पर राहुल ने तंज कसा कि पीएम मोदी से यह सीखा कि ऐसे देश नहीं चलाना है। उन्होंने नोटबंदी का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि पीएम ने बिना किसी सलाह-मशविरे के नोटबंदी का फैसला ले लिया, जिसका देश को नुकसान हुआ।
राहुल गांधी ने कहा कि वह एक और चीज पीएम मोदी से सीखते हैं और वह है उनकी कम्यूनिकेशन स्किल्स। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी कम्यूनिकेशन स्किल्स का देश में कोई जवाब नहीं।
राहुल गांधी ने कहा कि इस देश में जो भी हुआ है, वह प्यार की भावना की वजह से हुआ है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी से मैं कई निजी कार्यक्रमों में भी मिलता हूं, लेकिन वे ढंग से रिस्पॉन्स नहीं करते हैं. उनका मेरे प्रति व्यक्तिगत विद्वेष है. राहुल गांधी ने कहा कि पांच साल पहले लोग कहते थे कि नरेंद्र मोदी से लड़े कौन, उनसे कांग्रेस लड़ी. यह कोई आसान काम नहीं था, लेकिन हम हर जगह लड़े. संसद से लेकर सड़क.
राहुल गांधी से जब उनके परिवार पर व्यक्तिगत हमले के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं अपने पिता, दादा और दादी की सच्चाई जानता हूं, इसलिये कोई कुछ कहे मुझे उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह द्वारा नामदार के संबोधन पर कहा कि 23 मई को सब तय हो जाएगा. राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी न तो अपने वादों की बात करती है और न ही भविष्य की. नरेंद्र मोदी का समय समाप्त हो गया है. मैं चाहता हूं कि जब किसान के घर जाऊं तो उसकी आवाज बनूं. उन्होंने कहा कि 2-3 प्रतिशत लोग सारा फायदा उठा रहे हैं, यह चिंता का विषय है.
ईवीएम के मुद्दे पर राहुल गांधी ने कहा कि ये देखना चुनाव आयोग का काम है. हालांकि मुझे चुनाव आयोग की भूमिका निष्पक्ष नहीं लगती है. पीएम कुछ भी बोलते हैं, उसपर कोई कार्रवाई नहीं करता है. राहुल गांधी ने कहा कि इस बार जानबूझ कर चुनाव की तारीखें इस तरीके से तय की गईं कि भाजपा को फायदा हो.
राहुल गांधी ने कहा कि पिछले 5 साल में विपक्ष को मीडिया में फेयर स्पेस नहीं मिला. मीडिया को लेकर एक स्ट्रक्चर बनाने की जरूरत है. राफेल में अगर कानून तोड़ा गया है तो जांच होगी. राफेल मुद्दे को मीडिया उठाती ही नहीं है. प्रेस कॉन्फ्रेंस करके हमनें उठाया. फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा, लेकिन सरकार का पूरा दबाव था. लेकिन दबाव के बावजूद कांग्रेस खड़ी रही. राहुल गांधी ने कहा कि मैं सबसे सीखता हूं. नरेंद्र मोदी और आरएसएस से भी. किसी भी लतीफे और मीम से कोई फर्क नहीं पड़ता है. राहुल गांधी ने कहा कि हम वैसे काम नहीं करते हैं, जैसे पीएम मोदी करते हैं. अगर कहीं कानून तोड़ा गया है तो कानून अपना काम करेगा. चार सुप्रीम कोर्ट के जज ने कहा कि हमें अपना काम नहीं करने दिया जा रहा है. हम उसी शक्ति से लड़ रहे हैं जो काम नहीं करने दे रहा है
वहीं, राहुल गांधी ने राफेल विमान सौदे को लेकर एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राफेल में कानून तोड़ा गया था और टैक्स माफ किया गया था। राहुल ने 1984 के दंगों को लेकर आए सैम पित्रोदा के विवादित बयान पर कहा कि उन्होंने जो बोला वह गलत है। ईवीएम को लेकर राहुल ने कहा कि वह चुनाव आयोग पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास एमफिल की डिग्री है। राहुल ने अपने घोषणापत्र मे किए वादे दोहराए और कहा कि नरेंद्र मोदी उनसे बहस करने को तैयार नहीं है। सोशल मीडिया और लोगों के बीच मजाक उड़ाए जाने को लेकर राहुल ने कहा कि उन्हें बुरा नहीं लगता है बल्कि अच्छा लगता है।