ग्रीन मैन्युफैक्चरिंग में नए पैमाने कायम कर रही गोदरेज एप्लायंसेज
घरेलू उपकरणों के क्षेत्र में भारत की अग्रणी कंपनी गोदरेज एप्लायंसेज को इंडियन ग्रीन बिलिं्डग काउंसिल (आईजीबीसी) की ओर से प्रतिष्ठित ’ग्रीन फैक्टरी प्लेटिनम’ प्रमाणन प्राप्त हुआ है। यह प्रमाणन पंजाब के मोहाली में स्थित गोदरेज एप्लायंसेज की विनिर्माण इकाई को प्रदान किया गया। आईजीबीसी ग्रीन फैक्ट्री प्लेटिनम, किसी भी निर्माण कंपनी को ऊर्जा कुशल, जल कुशल, अधिक उत्पादक और पर्यावरण के अनुकूल सुविधाओं के विकास के प्रयासों के लिए दी जाने वाली सर्वोच्च मान्यता है। गोदरेज एप्लायंसेज के बिजनेस हेड और ईवीपी श्री कमल नंदी ने इस अवसर पर अपनी टिप्पणी देते हुए कहा, ’हम आईजीबीसी जैसी प्रतिष्ठित संस्था से यह प्रमाण पत्र पाकर बेहद खुश और गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। यह प्रमाणीकरण गोदरेज की ओर से किए जाने वाले सभी प्रयासों में पर्यावरण के अनुकूल होने के लिए किए गए प्रयासों का प्रमाण है। गोदरेज को सीएफसी-फ्री रेफ्रिजरेटर, ग्रीनेस्ट एयर कंडीशनर, ऊर्जा कुशल उपकरणों और कई अन्य अच्छे और हरित उत्पादों के उपकरणों के क्षेत्र में एक अगुवा के रूप में जाना जाता है। जहां तक बात पर्यावरण की बेहतरी की है, हमें इस मामले में लीडर समझा जाता है क्योंकि हमारे लिए पर्यावरण एक ऐसा मूल्य है जो हमारे कॉर्पोरेट डीएनए में शुरुआत से ही रहा है। हम मानते हैं कि यह हमारा कर्तव्य है कि हम जिम्मेदार निर्माता बनें, जो उद्योग में स्थायी विनिर्माण का मार्ग प्रशस्त करे। गोदरेज एप्लायंसेज का मोहाली प्लांट इस विश्वास का जीता जागता उदाहरण है।’ मैन्युफैक्चरिंग हेड और सीनियर वीपी श्री हुसैन शरियार ने बताया, ’मोहाली में स्थित हमारी विनिर्माण इकाई ने ब्रांड के सस्टेनेबिलिटी के लिए किए गए प्रयासों को नए मुकाम तक ले गई है जो उत्कृष्टता के लिए एक आदर्श रूप में काम कर रही है। हमारी प्रक्रियाओं के लिए प्लैटिनम रेटिंग प्राप्त करने के बाद पहली बार ग्रीन बिलिं्डग रेटिंग प्राप्त करने सहज विस्तार के साथ हमारी मोहाली स्थित फैसिलिटी सही मायने में बड़े पैमाने पर ’ग्रीन’ में बदल चुकी है, जिसमें संयंत्र की पर्यावरण हितैषी इमारत और प्रक्रियाएं शामिल हैं। प्रमाणीकरण के लिए यह सही समय था क्योंकि इस जगह पर एक नया फैक्ट्री शेड जोड़ा गया है और इसकी उत्पादन क्षमताओं का विस्तार हो रहा है। हमें वास्तव में स्थिरता के इस नए फलक पर गर्व है।’